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श्रम विभाग के अनुसार पत्रकार बह जिसे समाचार पत्र मालिक के द्वारा नियुक्ति पत्र एवं वेतन मिलता हो*

*श्रम विभाग के अनुसार पत्रकार बह जिसे समाचार पत्र मालिक के द्वारा नियुक्ति पत्र एवं वेतन मिलता हो*
आप अपने क्षेत्र में पत्रकार तो कहलाते हैं परन्तु जिन्हें नियुक्ति पत्र और वेतन नहीं मिलता वो श्रम विभाग के कानूनों के अनुसार पत्रकार नहीं। एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनिय ग्रामीण अंचल के पत्रकारों को मजीठिया वेतन आयोग के अनुसार वेतन दिलाना, नियुक्ति पत्र दिलाना,पी एफ कटौती कराना, और वो सब सुविधाएं दिलाना जो एक पत्रकार को मध्यप्रदेश सरकार से मिलना चाहिए, बीमा योजना में शामिल कराना, इस कार्य में आपको गिलहरी के समान कार्य करना होगा,। श्रय विभाग के अधिकारियों द्वारा समाचार पत्रों के मालिकों से जानकारी ली जायेगी कि जिस जिस स्थान के समाचार समाचार पत्रों में प्रकाशित होते हैं उन समाचारों को किसने लिखा और भेजा है क्या आप उस समाचार भेजने बाले व्यक्ति को वेतन देते हैं, नियुक्ति पत्र जारी किया है। वेतन कितना देते हैं। अभी समाचार पत्रों के मालिक आपको एजेंट मानता है और समाचार पत्रों की विक्री पर कमीशन देता है, आपको विज्ञापन लाने के लिए शर्त रखता है उस पर कमीशन देता है, एजेंसी देने के पूर्व राशि जमा कराता है।
आपको आश्चर्य होगा कि कोरोना काल में भोपाल के दैनिक समाचार पत्रों की प्रसार संख्या 60 लाख से अधिक थी जबकि भोपाल की आबादी 30 लाख अधिकतम मान लेते हैं ,यह मैं नहीं कहता आप आर एन आई की वेबसाइट पर देख सकते हैं राधावल्लभ शारदा। प्रांतीय अध्यक्ष एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल,9425609484

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