*भगवान श्रीराम ने रावण का धमंड, और भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का धमंड दूर कर दिया था।
हार पर मंथन आवश्यक क्योंकि हार प्रत्याशी की नहीं पार्टी की है।2024 के लिए हारे हुए खिलाड़ी को अभी से मेहनत करनी होगी। मध्यप्रदेश में भाजपा के 12 मंत्री हारे। नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, महेंद्र सिंह सिसौदिया, गौरीशंकर बिसेन,कमल पटेल, राहुल सिंह लोधी, रामखेलावन पटेल, रामकिशोर कांवरे, सुरेश धाकड़, भारत सिंह कुशवाहा, प्रेम सिंह पटेल, अब बात कांग्रेस दिग्गज की जिसमें जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा, गोविंद सिंह, विजय लक्ष्मी साधो, लक्ष्मन सिंह,पी सी शर्मा, कमलेश्वर पटेल, तरुण भनोत,एन पी प्रजापति, दीपक जोशी, मुकेश नायक, प्रियव्रत सिंह, इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो कम दिखाई देते थे। इन सभी की हार को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए वल्कि नवनिर्वाचित विधायकों को सीख लेनी चाहिए। विधायक बनने के बाद आपकी आवश्यकता क्षेत्र की जनता को है और जो हार गए हैं उनकी भी जरूरत क्षेत्र की जनता को है। यदि हार को गले लगा लिया तो फिर जनता भी आपको भूल जायेंगी।जब जनता आपको भूल जायेगी तो फिर आप जिस राजनीतिक दल के है वह भी आपको किनारे कर देगी,*कहावत है घर के रहें न घांट के*
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