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Election ;राज्यसभा की अग्निपरीक्षा में भाजपा ने इंडी गठबंधन को बड़ा राजनीतिक झटका दे दिया है।

Election ;राज्यसभा की अग्निपरीक्षा में भाजपा ने इंडी गठबंधन को बड़ा राजनीतिक झटका दे दिया है।
नई दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव की अग्निपरीक्षा में भाजपा ने इंडी गठबंधन को बड़ा राजनीतिक झटका दे दिया है। अप्रैल में खाली होने वाली 56 राज्यसभा सीटों में से बीजेपी ने 30 सीटों पर जीत हासिल की है। इनमें से 20 निर्विरोध चुने गए। वहीं, वोटिंग से 10 सीटों पर जीत हासिल हुई। इसके साथ राज्यसभा में भगवा पार्टी के सांसदों की संख्या 97 हो जाएगी
वहीं, बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए के सांसदों की संख्या 117 हो जाएगी। सभी 56 सदस्यों के शपथ लेने के बाद 240 सदस्यीय सदन में बहुमत के आंकड़े 121 से केवल चार कम है। दलगत स्थिति की बात करें तो, बीजपी 97 सांसदों के साथ राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है। इनमें से पांच नॉमिनेटेड सदस्य शामिल है। 29 सांसदों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर है।
राज्यसभा चुनाव में हिमाचल और उत्तर प्रदेश में क्रॉस वोटिंग हुई है। इसके कारण बीजेपी को हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में एक-एक सीटों का लाभ हुआ है। इससे बीजेपी के सांसदों की संख्या 97 हो जाएगी। उत्तर प्रदेश से लेकर हिमाचल प्रदेश तक राज्यसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस और सपा के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर भाजपा उम्मीदवार की जीत की राह आसान की है, उससे यह भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही बड़े विपक्षी दलों के नेताओं में खलबली मची हुई है।
आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत को सुनिश्चित मानकर विपक्षी दलों के नेता भी अब बीजेपी के साथ ही जुड़ना चाहते हैं। राज्यसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो चुनाव आयोग द्वारा 15 राज्यों की कुल 56 सीटों पर चुनाव की घोषणा की गई थी, जिसमें से 12 राज्यों में 41 उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित हो चुके हैं। लेकिन तीन राज्यों – उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में सीट के मुकाबले ज्यादा उम्मीदवार होने के कारण बाकी बची 15 सीटों पर मंगलवार को चुनाव करवाया गया। हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकार होने के बावजूद कांग्रेस अपने विधायकों की क्रॉस वोटिंग को नहीं रोक पाई, हालांकि इस पहाड़ी राज्य में बीजेपी की जीत में भाग्य की भी बड़ी भूमिका रही।
एक बार जब द्विवार्षिक चुनावों में चुने गए सभी 56 सदस्य शपथ ले लेंगे, तो पांच रिक्तियों (जम्मू-कश्मीर से चार और मनोनीत सदस्य श्रेणी से एक) को शामिल करने के बाद उच्च सदन की ताकत 240 हो जाएगी। राज्यसभा चुनावों में चुने गए सभी 56 सांसदों में से 41 निर्विरोध चुने गए हैं। यूपी की 10, कर्नाटक में चार और हिमाचल प्रदेश में एक सीट पर चुनाव हुआ। इसके बाद बीजेपी को 30 सीटों पर जीत हासिल हुई है
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 10 सीटें दांव पर थीं। इसके बाद महाराष्ट्र और बिहार में छह-छह सीटें दांव पर थीं। मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में पांच-पांच, कर्नाटक और गुजरात में चार-चार, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में तीन-तीन, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में एक-एक सीटों पर चुनाव संपन्न हुए।
मंगलवार के मतदान के बाद बीजेपी 97 सदस्यों के साथ राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है। इसके बाद राज्सभा में कांग्रेस के 29 सदस्य, तृणमूल कांग्रेस के 13, द्रमुक और आप के 10-10, बीजडी और वाईएसआरसीपी के नौ-नौ, बीआरएस के सात, राजद के छह, सीपीएम के पांच और अन्नाद्रमुक और जदयू के चार-चार सदस्य हो जाएंगे।

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