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Lok Sabha election ‘गठबंधन से कार्यकत्ताओं का मनोबल टूटता है हमें साम, दाम, दंड, भेद…’, लोकसभा चुनाव को लेकर मायावती की बसपा नेताओं को दो टूक

Lok Sabha election ‘गठबंधन से कार्यकत्ताओं का मनोबल टूटता है हमें साम, दाम, दंड, भेद…’, लोकसभा चुनाव को लेकर मायावती की बसपा नेताओं को दो टूक
लखनऊ से प्रेमशंकर अवस्थी के साथ भोपाल से वैंकटेश शारदा द्वारा संपादित रपट 2024 के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने अकेले ही चुनाव लड़ने का एलान किया है. इसी बीच मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के समस्त वरिष्ठ पदाधिकारियों तथा जिला अध्यक्षों की मौजूदगी में लखनऊ कार्यालय में अहम बैठक की. इस बैठक में मयावती ने कहा कि हर प्रकार की अफवाहों के अलावा विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दंड, भेद आदि हथकण्डों से दूर रहकर पार्टी के दिशा-निर्देशों को पूरा करने के लिए संगठित होकर काम करें.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सभी लोग संगठित होकर पूरे तन, मन व धन से इस ध्येय के साथ लगे रहें कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का अधूरा मिशन बसपा पूरी करेगी जिसमें ही सर्वसमाज का हित सुरक्षित है. बसपा की तरफ से जारी हुए प्रेस रिलीज के अनुसार मायावती ने कहा कि बसपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो संवैधानिक आदर्शों व मूल्यों के आधार पर चलने वाली पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. बसपा सभी धर्मों व उनके धार्मिक स्थलों का पूरा-पूरा आदर-सम्मान करके सभी के साथ न्याय का व्यवहार करते हुये सभी के जान-माल व इज्जत-आबरू की सुरक्षा की ऐसी गारंटी सुनिश्चित करती है.
लखनऊ में बसपा कार्यालय में हुई बैठक में मायावती ने कहा कि महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी आदि से दुखी व पीड़ित देश के 81 करोड़ से अधिक लोग जीने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज हैं, यह कोई इनकी रोटी रोजी का स्थाई हल नहीं है. मायावती ने कहा बसपा की तरह ही दूसरी राजनीतिक पार्टियों को संविधान व धर्म का सम्मान करते हुये इसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए.
मायावती बैठक में बसपा सुप्रीमो ने पार्टी के जनाधार को सर्वसमाज में बढ़ाने व पार्टी संगठन की मजबूती की बात कही. इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों व उम्मीदवारों के चयन आदि के संबंध में समीक्षा व नये दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने फिर से स्पष्ट किया कि पार्टी को दूसरी पार्टियों के साथ चुनाव गठबंधन अथवा किसी प्रकार का समझौता नहीं करना है. उन्होंने कहा कि गठबंधन के ऐसे कड़वे अनुभवों से कर्मठ कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है और मिशन कमजोर होता है.

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