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Rasterpati राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिखे पत्र में कहा मैंने एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की। मैं अभिभूत हो गया जहां भक्ति और इतिहास का ऐसा संगम है।

Rasterpati राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिखे पत्र में कहा मैंने एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की। मैं अभिभूत हो गया जहां भक्ति और इतिहास का ऐसा संगम है।
दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की चिट्ठी का जवाब दिया है। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा, मैंने एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की। मैं उस पवित्र भूमि पर पहुंचकर भावनाओं से अभिभूत हो गया, जहां भक्ति और इतिहास का ऐसा संगम है।
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के पत्र पर आभार प्रकट करते हुए कहा कि अयोध्या जाने से एक दिन पहले मुझे आपका पत्र मिला था। आपकी शुभकामनाओं और स्नेह के लिए बहुत आभारी हूं। आपके पत्र के हर शब्द ने आपके करुणामयी स्वभाव और प्राण-प्रतिष्ठा के आयोजन पर आपकी असीम प्रसन्नता को व्यक्त किया।
पीएम मोदी ने लिखा कि जिस समय मुझे आपका पत्र मिला था, मैं एक अलग ही भाव यात्रा में था। आपके पत्र ने मुझे, मेरे मन की इन भावनाओं को संभालने में, उनसे सामंजस्य बिठाने में अपार सहयोग और संबल दिया। मैंने एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की। जिस पवित्र भूमि पर आस्था और इतिहास का ऐसा संगम हुआ हो, वहां जाकर मेरा मन अनेक भावनाओं से क्षुब्द हो गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनना एक सौभाग्य भी है और एक दायित्व भी है। आप ने मेरे 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान और उससे जुड़े यम-नियमों को लेकर भी चर्चा की थी। हमारा देश ऐसे अनगिनत लोगों का साक्षी रहा है, जिन्होंने शताब्दियों तक अनेक संकल्प व्रत किए, जिससे कि राम लला पुनः अपने जन्मस्थान पर विराज सकें।
रामलला के दर्शन पर क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों के साथ रामलला के साक्षात दर्शन, उनके रूप से साक्षात्कार और उनके स्वागत का वो क्षण अप्रतिम था। वो क्षण प्रभु श्रीराम और भारत के लोगों के आशीर्वाद से ही संभव हुआ और मैं इसके लिए सदा कृतज्ञ रहूंगा।
पीएम मोदी ने आगे पत्र में लिखा कि जैसा आपने कहा था, हम ना सिर्फ प्रभु श्रीराम को पूजते है बल्कि जीवन के हर पहलू में और विशेषकर सामाजिक जीवन में उनसे प्रेरणा लेते हैं।
उन्होंने लिखा कि आपने पत्र में ‘पीएम जनमन’ और जनजातीय समाज में भी अति पिछड़ों के सशक्तिकरण पर इस योजना के प्रभाव की चर्चा की। आदिवासी समाज से जुड़े होने के कारण आपसे ज्यादा बेहतर तरीके से ये कौन समझ सकता है? हमारी संस्कृति ने हमेशा, हमें समाज के सबसे वंचित वर्ग के लिए काम करने की सीख दी है। पीएम जनमन जैसे कई अभियान आज देशवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि ये प्रभु श्रीराम ही तो हैं, जिन्होंने अपने जीवन के हर अध्याय में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की प्रेरणा दी। इसी मंत्र का आज सर्वत्र परिणाम दिख रहा है। पिछले एक दशक में देश करीब 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के शाश्वत विचार, भारत के गौरवशाली भविष्य का आधार है। इन विचारों की शक्ति ही, हम सभी देशवासियों के लिए वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। श्रीराम का भव्य मंदिर हमें सफलता और विकास के नव प्रतिमान गढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा।

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