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अवैध संचालित बाल गृह प्रशासनिक व्यवस्था के लचर होने और और गैर जिम्मेदाराना रवैया, सिर्फ निलंबन दंड नहीं

अवैध संचालित बाल गृह प्रशासनिक व्यवस्था के लचर होने और और गैर जिम्मेदाराना रवैया, सिर्फ निलंबन दंड नहीं
*गत दिवस राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो व सदस्यों ने भोपाल के तारासेवनिया में संयुक्त रूप से एक अवेध संचालित बाल गृह का निरीक्षण किया।निरीक्षण में पाया गया कि बाल गृह न तो पंजीकृत है न ही मान्यता प्राप्त है।साथ ही यहाँ जो बच्चियाँ रेस्क्यू कर के लाई गई,सीडब्लूसी को उसकी सूचना भी नहीं दी गई न ही अन्य शासकीय प्रक्रियाओं का पालन किया गया।इस पर आयोग द्वारा संस्था के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज कराई गई।*
*आयोग के निरीक्षण दौरान उपस्थित मिली 41 बच्चियों को प्रशासन द्वारा पंजीकृत बाल गृह में शिफ्ट कर दिया गया है।इसी के साथ कुछ बच्चियों के फॉर्म वहाँ मिले पर वे उपस्थित नहीं मिली उनके संबंध में पूछने पर संस्था द्वारा बताया गया कि बच्चियाँ अपने घर वापस चली गई है ,जिसका पुलिस के द्वारा वेरीफाई कराया जा रहा है ,12 बच्चियाँ अपने घरों पर मौजूद मिली शेष बच्चियों का पुलिस के द्वारा वेरिफिकेशन किया जा रहा है।अतः बालिकाओं के ग़ायब हो जाने की जानकारी सही नहीं है।**इस मामले में पाई गई लापरवाही पर सीडीपीओ बृजेन्द्र प्रताप सिंह(वर्तमान पदस्थापना गंजबासौदा),सीडीपीओ श्रीमती कोमल उपाध्याय को निलंबित किया गया है ।साथ ही महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी एवं सहायक संचालक महिला बाल विकास रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।*

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