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ASI ए एस आई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, 250 संरक्षित स्मारकें वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत

ASI ए एस आई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, 250 संरक्षित स्मारकें वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत

दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट

एएसआई ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि देशभर में 250 ऐसी स्मारकें हैं जिन्हें वक्फ ने अपनी संपत्ति बताया है। अब इस मुद्दे को जेपीसी के सामने उठाया जाएगा।
दिल्ली में स्थित फिरोजशाह कोटला मस्जिद को वक्फ बोर्ड ने अपनी संपत्ति बताया है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। एएसआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके 250 संरक्षित स्मारक वर्तमान में वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत हैं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी से उम्मीद है कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सामने इस रिकॉर्ड को रखा जाएगा।
एएसआई का कहना है कि वह इन सभी स्मारकों पर अपना नियंत्रण वापस मांगेगी। सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट में भारत के मुस्लिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति पर 2006 की सच्चर समिति की रिपोर्ट में सूचीबद्ध कई स्मारक भी शामिल हैं। इस रिपोर्ट में ‘भारत में वक्फ संपत्तियों को एएसआई के अनधिकृत कब्जे में’ के रूप में बताया गया है। ये सभी 172 स्थल राष्ट्रीय महत्व के संरक्षित स्मारक नहीं हैं, लेकिन दिल्ली के कुछ प्रमुख स्थलों में फिरोजशाह कोटला में जामा मस्जिद, आरके पुरम में छोटी गुमटी मकबरा, हौज खास मस्जिद और ईदगाह शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि ये स्मारक देश के अधिकांश हिस्सों में फैले हुए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर में हुई जेपीसी की चौथी बैठक में एएसआई की ओर से यह संख्या 120 बताई गई थी। इसके बाद एएसआई ने इंटरनल सर्वे कराया। इसमें यह संख्या बढ़कर 250 पहुंच गई। सूत्रों ने कहा कि एएसआई अब जेपीसी को बताएगी कि प्रबंधन और संरक्षण के कार्य में टकराव देखने को मिलता है। कई स्मारकें ऐसी हैं जिन्हें वक्फ बोर्ड ने एकतरफा तरीके से अपनी संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया है। एएसआई और वक्फ बोर्ड के बीच विवाद का एक और कारण इन विवादों की एकतरफा प्रकृति है, ऐसा पता चला है। वक्फ अधिनियम 1995 बोर्ड को दान के नाम पर किसी भी संपत्ति या इमारत को वक्फ संपत्ति घोषित करने का अधिकार देता है।

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