GPS Toll Collection: फास्टैग के स्थान पर जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन की शुरुआत होने जा रही है.
दिल्ली से शिवकुमार शर्मा के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट सड़क एवं परिवहन सचिव अनुराग जैन के अनुसार देश में जल्द ही टोल कलेक्शन का तरीका बदलने वाला है. अब से कुछ समय बाद फास्टैग की बजाए आपकी गाड़ियों से जीपीएस के जरिए टोल कट जाया करेगा और गाडियां फर्राटे भरते हुए बिना रुके अपना सफर पूरा कर सकेंगी. 3 साल पहले जब देश में फास्टैग के जरिए टोल कलेक्शन की प्रक्रिया शुरू की गई तो इसे गेमचेंजर कहा गया था. हालांकि अब इस तरीके के भी बदलने का समय आ गया है क्योंकि देश में सीधा जीपीएस से टोल की वसूली हो जाया करेगी.
मार्च 2024 से सरकार की जीपीएस टोल कलेक्शन को शुरू करने की योजना है
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लगभग 3 हफ्ते पहले कहा था कि देश में जीपीएस से टोल कलेक्शन की शुरुआत मार्च 2024 से शुरू हो सकती है. इसी कड़ी में अब अगले महीने यानी फरवरी 2024 से देश के लगभग 10 राजमार्ग (हाईवे) पर जीपीएस बेस्ड टोल कलेक्शन की टेस्टिंग शुरू होने वाली है. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक ये जानकारी मिली है. इसका साफ अर्थ है कि जल्द ही फास्टैग के जरिए टोल कलेक्शन लेना बीते जमाने की बात हो जाएगी और जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन लोगों के जीवन में शामिल हो जाएगा.
लाइवमिंट की खबर में ये भी बताया गया है कि देशभर में इस नए जीपीएस टोल कलेक्शन प्रोसेस को चालू करने से पहले इसका पायलट प्रोजेक्ट कुछ सीमित हाईवे पर चलाया जाएगा. इसके जरिए देखा जाएगा कि किस तरह इसे सुचारू रूप से और बिना दिक्कत के मार्च तक पूरे देश भर में लागू करने की दिशा में काम किया जा सकता है. ये जानकारी सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने दी है.
किस तरह काम करेगा नया जीपीएस बेस्ड टोल सिस्टम
नए सिस्टम के जरिए टोल कलेक्शन रास्ते के जरिए ही वसूल लिया जाएगा और इससे तयशुदा टोल प्लाजा की जरूरत खत्म हो जाएगी. इसके लिए हाईवे की जियोफेंसिंग की जाएगी जो कि ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS) या फिर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID)के जरिए पूरी की जाएगी.
