Biggest Parenting Mistake
संदीप माहेश्वरी ने बताया क्यों 100 पर्सेंट गलत हैं इंडियन पैरेंट्स, बर्बाद कर रहे हैं बच्चों की जिंदगी
भोपाल से राधावल्लभ शारदा के द्वारा संपादित , एक बार सभी को पढ़ना चाहिए मोटिवेशनल स्पीकर संदीप माहेश्वरी ने बताया कि आजकल मां-बाप अपने बच्चों की परवरिश को लेकर एकदम गलत दिशा में जा रहे हैं और वो कहां गलत हैं, ये भी बताया।
बच्चों की परवरिश के लिए मां-बाप को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कभी उन्हें बच्चों के नखरे उठाने पड़ते हैं, तो कभी उनकी डिमांड पूरी करनी पड़ती हैं। बच्चों को पालने के लिए कई मोटिवेशनल स्पीकर भी सलाह देते हैं
संदीप माहेश्वरी ने बताया क्यों 100 पर्सेंट गलत हैं इंडियन पैरेंट्स, बर्बाद कर रहे हैं बच्चों की जिंदगी
अगर आप भी एक पैरेंट हैं, तो संदीप की बताई बातें आपके बहुत काम आ सकती है। तो चलिए जानते हैं कि पैरेंट्स को संदीप माहेश्वरी ने क्या सलाह दी है।
अक्सर देखा जाता है कि मां-बाप को यही सलाह दी जाती है कि वो अपने बच्चों को वो सब करने दें, जो वो चाहते हैं। बच्चा अपने करियर में क्या चाहता है, उसे क्या-क्या चाहिए, वो क्या चाहत रखता है। इन सभी चीजों को लेकर मां-बाप से यही कहा जाता है कि उन्हें अपने बच्चे की हर चाहत को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए और उसे अपने फैसले खुद लेने की आजादी देनी चाहिए लेकिन संदीप माहेश्वरी ऐसा नहीं कहते हैं।
शो पर आए ज्यादातर लोगों का यही मानना था कि पैरेंट्स को बच्चों को उनकी पसंद को ना नहीं कहना चाहिए और यही सही है लेकिन संदीप जी ने कहा कि मां-बाप का ऐसा करना एकदम गलत होता है। मां-बाप को अपने बच्चों को उनके हर सपने को पूरा करने के लिए मोटिवेट नहीं करना चाहिए।
संदीप ने एक कहानी या किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक लड़की थी जो कोचिंग लेकर परीक्षा दे रही थी लेकिन वो पास नहीं हो पा रही थी। उसने कहा कि वो बार-बार ट्राई करेगी। संदीप जी ने कहा कि तुम ये मत करो, तुम नहीं कर पाओगी और टाइम और पैसा दोनों बर्बाद होंगे। इस पर लड़की के पिता ने कहा कि उसे करने दो, उसे डिमोटिवेट मत करो। कोई बात नहीं उसकी पढ़ाई पर 20-30 लाख ही खर्च होंगे ना, वो कल को ये तो नहीं कहेगी कि हमने उसे उसका सपना पूरा करने का मौका नहीं दिया।
इस वाक्ये का हवाला देते हुए संदीप ने कहा कि आजकल मां-बाप बहुत बिजी हो गए हैं और वो अपने बच्चों को समय तो दे नहीं पाते हैं इसलिए उसकी पूर्ति पैसों से करने की सोचते हैं। उनका कहना है कि पैरेंट्स सपोर्ट के लिए बच्चों की परवरिश में इनवॉल्व ही नहीं होना चाहते हैं।