*PM awas yojna बिहार में मुर्दों के लिए भी बना डाला घर! डकार गए पीएम आवास योजना का पैसा, भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारी को मिले तत्काल सजा*
बिहार से रमेश कुमार के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा की रपट टिप्पणी के साथ – *जब तक भ्रष्टाचार करने वाले को एवं उसकी काली कमाई के भागीदार को तत्काल प्रभाव से दंडित नहीं किया जायेगा तब तक भ्रष्टाचार रुपी केंसर समाप्त नहीं होगा, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी लोकसभा से कानून बनाया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह सरकार ने कानून में संशोधन किया और यदि किसी अधिकारी की भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायत दस्तावेज के साथ जांच एजेंसी को दी जाती है तो जांच एजेंसी संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव के पास शिकायत की जांच करने की अनुमति मांगता है और इस अनुमति में सालों गुजर जाते हैं ।* बिहार के अधिकारी एक से बढ़कर एक कारनामा करते हैं। ताजा मामला प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना को लेकर सामने आया है। जहां अधिकारियों की लापरवाही से मुर्दों के साथ अपात्र लोगों को योजना का लाभ मिला है। ऑडिट में हुए इस खुलासे के बाद ग्रामीण विकास विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
बिहार के 10 जिलों में की गई एक ऑडिट में यह पाया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत मृत व्यक्तियों को लाभ, अपात्र लोगों को योजना की किस्त का भुगतान और निर्मित ही नहीं हुए आवास के लिए पूरी सहायता राशि की अदायगी की गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। आवास स्थलों की अवास्तविक ‘जियो टैगिंग’ (भू-अवस्थिति) और गलत खातों में किस्तों का भुगतान ऐसी विसंगतियां हैं, जिन्हें महालेखाकार की ऑडिट टीम ने राज्य में ग्रामीण आवासीय योजना के क्रियान्वयन की ऑडिट के दौरान पाई हैं।
ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा
‘कार्य निष्पादन ऑडिट’ रिपोर्ट के आधार पर राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने हाल में सभी उप विकास आयुक्तों (डीडीसी) और संबद्ध अधिकारियों को कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए केंद्र के दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था। उन्होंने पत्र में कहा कि केंद्र के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा जारी पीएमएवाई-जी क्रियान्वयन फ्रेम वर्क के तहत, संबद्ध अधिकारियों को पारदर्शिता और दिशानिर्देशों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।
पीएम ग्रामीण आवास योजना
डीडीसी को भेजे गए पत्र के अनुसार पीएमएवाई-जी के क्रियान्वयन में विसंगतियों में राज्य में कुछ खास मामलों में मृत व्यक्तियों के नाम पर लाभ प्रदान किया जाना, अपात्र लाभार्थियों को किस्तों की अनियमित भुगतान, अवास्तविक जियो- टैगिंग, गलत खातों में किस्त का भुगतान शामिल हैं। पत्र के अनुसार ऑडिटर ने यह भी पाया कि कुछ खास क्षेत्रों में व्यापक वार्षिक कार्य योजना तैयार नहीं की गई, ‘कोरम’ के बगैर ग्राम सभा की बैठकों में मंजूरी प्रदान की गई, निर्मित ही नहीं हुए आवास को पूरी सहायता राशि का भुगतान किया गया।
अधिकारियों की लापरवाही
ऑडिटरों द्वारा पाई गई विसंगतियों पर टिप्पणी करते हुए बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि ये सभी पुराने मामले हैं। उन्होंने कहा कि विभाग इस तरह की चीजों में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा। मैंने संबद्ध अधिकारियों को पीएमएवाई-जी के क्रियान्वयन के लिए जारी दिशानिर्देशों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। बिहार में इससे पूर्व भी अधिकारियों ने किसान सम्मान निधि योजना में बड़ा खेल कर दिया था। उस योजना में अपात्र किसानों को उसका लाभ मिल रहा था। हाल में केंद्र सरकार की सख्ती के बाद कृषि विभाग वैसे किसानों को नोटिस देकर पैसे की वसूली कर रहा है। अब ये दूसरा मामला सामने आया है, जिसमें मुर्दों को घर आवंटित कर दिया गया है।