*उत्तर प्रदेश में महिला कांस्टेबल नेहा सिंह ने डी जी पी को सेक्स चेंज करने का आवेदन दिया, जो निरस्त कर दिया, मामला न्यायालय में*
लखनऊ से प्रेम शंकर अवस्थी की रपट महादण्ड के लिए भोपाल से राधावल्लभ शारदा के साथ यूपी सरकार सेक्स चेंज सर्जरी पर बनाए कानून, महिला कॉन्स्टेबल की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ व अन्य के मामले में गुरुवार को सुनवाई की। कोर्ट ने इस केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में राज्य सरकार को सेक्स रिएसाइनमेंट सर्जरी को लेकर नियम बनाने के लिए कहा है
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेक्स रिएसाइनमेंट सर्जरी (SRS) के संदर्भ में राज्य सरकार को कानून बनाने को कहा है। कोर्ट ने सरकार को इसके लिए एक महीने का अतिरिक्त समय दिया है। कोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई की डेट 5 जनवरी तय की है। हालांकि गुरुवार को राज्य सरकार ने अनुपालन हलफनामा दाखिल किया। इसमें बताया गया कि याची की सेक्स चेंज अर्जी निरस्त कर दी गई है। इस पर कोर्ट ने याची अधिवक्ता को इसी याचिका में संशोधन अर्जी दाखिल कर डीजीपी लखनऊ के आदेश को चुनौती देने की अनुमति दे दी।
यूपी सरकार शेक्स चेंज सर्जरी पर बनाए कानून, महिला कान्स्टेबल की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
यूपी सरकार सेक्स चेंज सर्जरी पर बनाए कानून, महिला कॉन्स्टेबल की अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
महिला कॉन्स्टेबल नेहा सिंह की याचिका पर लिंग परिवर्तन की अनुमति मांगी गई है। याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति अजित कुमार ने की। कोर्ट ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में राज्य सरकार को सेक्स रिएसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) के बारे में नियम बनाने के लिए कहा था।
महिला कॉन्स्टेबल नेहा सिंह ने डीजीपी से सेक्स चेंज करवाने की अनुमति मांगी थी जिसे निरस्त कर दिया गया था। डीजीपी के आदेश को चुनौती देते हुए महिला कॉन्स्टेबल नेहा सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
आखिर क्या है सेक्स रिअसाइनमेंट
जब कोई महिला स्वयं को पुरुष जैसा या पुरुष अपने को महिला जैसा महसूस करने लगता है, तब ऐसी स्थिति में वह सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी की मदद लेते हैं। इंडिया में भी अब सेक्स बदलवाना आम बात हो गई है। हालांकि, इसकी संख्या अभी बहुत कम है। इस सर्जरी को वे लोग करवाते हैं जिन्हें आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डायसोफोरिया होता है। जेंडर डायसोफोरिया में एक लड़की, लड़के की तरह और लड़का खुद को लड़की की तरह महसूस करने लगते हैं। दोनों ही अलग जेंडर के साथ जीना चाहते हैं।