Vidhan Sabha CM यादव बोले- हैरानी है कि घर-घर बारूद बांटकर बम बनवाते थे, यह तमाशा पहली बार सुना
मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन हरदा विधायक रामकिशोर दोगने सुतली बम की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका। इसके बाद सदन में हरदा हादसे पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरदा के मामले पर सदन में संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास जैसे ही जानकारी आई, हमने कैबिनेट बैठक रोककर पूरी जानकारी ली। हमने 50 मिनट के अंदर ही आपात बैठक बुलाई। एक टीम को हरदा भेजा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 12:20 बजे जानकारी दी गई। हमने ग्रीन कॉरिडोर बनाया। बर्न यूनिट को तैयार रहने को कहा। जो भी जरूरी था, वह किया। 100 से ज्यादा गाड़िया वहां पहुचाई। मैं एक-एक घायल से मिलकर आया। एक बहादुर महिला से मुलाकात हुई उसका विस्फोट में हाथ उड़ गया था। जब पहला विस्फोट हुआ, तब लोग दौड़कर वहां से निकल गए।
डॉ. यादव ने फायर बिग्रेड के कर्मचारियों की तारीफ की। जांच प्रभावित न हो, इसके लिए अधिकारियों को हटाया गया। कोई दोषी नहीं बचेगा, यह मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। पूरे प्रदेश में विस्फोटक की जॉच की जा रही है। हरदा में 12 विस्फोटक लाइसेंस की जांच कराई गई है। मैं हैरान हूं यह जानकर कि दो साल पहले फैक्टरी मालिक घर-घर बारूद बांटकर बम बनवाता था। यह नया तमाशा पहली बार सुना।
विपक्ष ने किया वॉकआउट
कांग्रेस की मांग थी कि हरदा हादसे की न्यायिक जांच हो। यह बात सरकार ने नहीं मानी है। इस पर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और वॉकआउट कर दिया। हंगामे और शोर के बीच कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित की गई।
मुख्यमंत्री से मिले कमलनाथ
मुख्यमंत्री मोहन यादव से विधानसभा कक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों को बताया कि छिंदवाड़ा के विषय में बात करने आया था। छिंदवाड़ा की सीमा के बाहर की बात मैं नहीं करता। क्या लोकसभा चुनावों के संबंध में चर्चा हुई, इसके जवाब में कमलनाथ बोले कि नहीं, सिर्फ छिंदवाड़ा के विकास की बातें करने गया था। कमलनाथ ने यह भी आरोप लगाया कि हरदा में मौतों का आंकड़ा सही नहीं आ रहा है। वहां से कोई भी चीज सही नहीं आ रही है। जो व्यक्ति तीन साल जेल में रहा, वह यहां काम करता रहा और प्रशासन देखता रहा। यह इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
सदन में विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वीकार किया। हरदा हादसे पर चर्चा शुरू हुई। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि हरदा की घटना गंभीर है। सीएम मोहन यादव को सदन में होना चाहिए था। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम गंभीर हैं। हादसे पर हम गंभीरता से चर्चा करेंगे। कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि जब फैक्टरी में विस्फोट हुआ, तब वहां कितने लोग थे, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। फैक्टरी में कई बार हादसे हुए हैं। हादसे के पीछे अनियमितताओं की अनदेखी है। जब फैक्टरी का लाइसेंस निरस्त हो गया था, तब फैक्टरी कैसे संचालित हो रही थी। एसपी और कलेक्टर को हटाने से कुछ नहीं होगा।
पंचायतों सचिवों की तबादला नीति का मुद्दा उठा
विधानसभा में प्रश्नकाल में बैतूल से भाजपा विधायक हेमंत खंडेलवाल ने पंचायत सचिवों की पंचायतों में नियुक्ति की अवधि का मुद्दा उठाया। विधायक ने सदन में कहा कि पंचायत सचिव एक ग्राम पंचायत में अधिकतम कितने समय तक रह सकता है? इस संबंध में क्या नीति है? उन्होंने कई साल तक पंचायत सचिवों के जमे रहने की बात कही। इसका समर्थन विधायक ओमप्रकाश सखलेचा और गिरीश गौतम ने भी किया। सखलेचा ने कहा कि 20-20 साल तक पंचायत सचिव एक ही जगह पदस्थ रहते हैं।
पंचायत सचिवों की तबादला नीति पर उठे सवाल के जवाब में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार काम किया जाएगा। तीन वर्ष या उससे अधिक अवधि की पदस्थापना की अवधि पूर्ण होने पर तबादला किया जा सकता है। दस साल तक एक ही जगह पदस्थ रहना नियम में नहीं है। मैं नियम में परिवर्तन कर सदन के सामने आऊंगा। आप लोग उसमें राय दे सकते हैं।