Lok Sabha Election 2024 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा, छोटे दलों पर कोई चर्चा नहीं
दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ खण्डवा से जिग्नेश पटेल द्वारा संपादित रपट
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार का पक्ष रखते हुए जवाब दिया। इसमें न सिर्फ वह हमलावर दिखे बल्कि आगे का रोड मैप भी दिखाया। उन्होंने आम चुनाव के अजेडे की झलक भी दिखा दी। उनके भाषण में नेहरू गांधी परिवार पर निशाना साधा । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना भाषण कांग्रेस पर हमला करने पर ही अधिक फोकस रखा। लोकसभा की तरह उन्होंने इसमें भी गांधी परिवार और उनकी विरासत पर हमला किया। उन्होंने नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक तीखे हमले किए। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के दूसरे नेताओं या प्रधानमंत्री पर हमला नहीं किया। यह उनकी राजनीति का हिस्सा रही है।
नेहरू-इंदिरा, परिवारवाद, ओबीसी से लेकर महंगाई तक… प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर खूब हमला बोला
ऐसे समय जब राहुल गांधी OBC अजेडा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। झारखंड में हेमंत सोरेन ट्राइबल कार्ड खेल रहे हैं। खरगे के नेतृत्व में विपक्ष दलितों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे है प्रधानमंत्री मोदी ने एक-एक कर उनसे जुड़े मसलों का विस्तार से जवाब दिया। आरक्षण, OBC पर कांग्रेस के पुराने स्टैंड सुनाए। साफ संदेश दिया कि चुनाव में वह कांग्रेस पर आक्रामक रूप से काउंटर करेंगे ।
लोकसभा की तरह ही प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में अपने हमले के रडार से क्षेत्रीय दलों को दूर रखा। उन पर न के बराबर हमले किए। शायद ही क्षेत्रीय दलों पर भी एक बार भी सवाल किया। पीएम मोदी की यह पुरानी शैली रही है। वह इस बार चुनाव भाजपा बनाम कांग्रेस ही दिखा रहे हैं।
पीएम ने राज्यसभा में भी तीसरे टर्म में आने का आत्मविश्वास दिखाया। उन्होंने अपने तीसरे टर्म के लिए 3.0 नाम दिया। लेकिन कहीं न कहीं मोदी की गारंटी पर देश के भरोसे की बात कर संकेत दे दिया कि वे जीत के प्रति आश्वस्त हैं। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ दिनों में कई मौकों पर सार्वजनिक मंच से यही आत्मविश्वास दिखा चुके हैं।पिछले कुछ दिनों से उत्तर बनाम दक्षिण का विवाद गहराता जा रहा है। दक्षिण के अधिकतर विपक्षी शासित राज्य अपने राज्य की उपेक्षा करने का आरोप केंद्र सरकार पर लगा रहे हैं। इसे राजनीतिक अजेडा बनाने की भी कोशिश की जा रही है। पीएम ने पहली बार इस मसले पर काफी विस्तार से बात की। उन्होंने इससे जुड़े तमाम मसलों पर लोगों के बीच अपना पक्ष रखने की कोशिश की। साफ संकेत है कि आम चुनाव में यह एक मुद्दा बन सकता है।