*Laber minester उप श्रमायुक्त पाठक पर भ्रष्टाचार के आरोप के कारण श्रम मंत्री प्रह्लाद पटेल के ओ एस डी की नियुक्ति निरस्त की*
*भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट टिप्पणी – यदि मुख्यमंत्री मोहन यादव देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत में सहभागी बनते हैं तो उन्हें उन अधिकारियों, कर्मचारियों को घर बैठना चाहिए जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार या अन्य कारणो से प्रकरण है। यदि डाक्टर यादव ऐसा करने है तो फिर वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोच को साकार करते हैं।*
मध्य प्रदेश में डॉ मोहन यादव सरकार के पंचायत, ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद गुंजल पटेल के ओ एस डी की नियुक्ति का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में सरकार के रवैये पर खुद मंत्री प्रहलाद पटेल ने ऐतराज जताया है. भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पूर्व में नियुक्त ओ एस डी को हटाकर सरकार ने नए अस्थाई ओ एस डी की नियुक्ति की, तो प्रहलाद पटेल नाराज़ हो गए और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी कर दिया.
श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने फेसबुक पोस्ट पर क्या लिखा, “श्रम मंत्रालय भोपाल ने जिन महानुभाव को मेरे साथ अस्थाई तौर पर अटैच किया था, उन पर लोकायुक्त जांच के समाचार के बाद यह पुनः अस्थायी व्यवस्था की गई है. लेकिन मेरा स्पष्ट मत है कि विभाग के प्रमुख ज़िम्मेदारी लेकर स्क्रीनिंग करें ताकि स्थायी या अस्थाई व्यवस्था पूर्णतः निर्दोष रहे.”
राज्य शासन ने गुरुवार (11 जनवरी) को जारी आदेश में बैतूल के श्रम पदाधिकारी धम्मदीप भगत को वर्तमान प्रभार के साथ अस्थाई रूप से श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल का अस्थाई ओएसडी बनाया है. इसके पहले सरकार ने श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल के निजी स्टॉफ में उप श्रमायुक्त इंदौर लक्ष्मीप्रसाद पाठक को विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) के तौर पर पोस्टिंग कर दी गई थी, जिसके खिलाफ डेढ़ माह पहले लोकायुक्त ने शासन से अभियोजन की मंजूरी मांगी है.
लोकायुक्त में विशेष पुलिस स्थापना के महानिदेशक ने 10 नवंबर 2023 को एक चिट्ठी शासन को भेजी थी, जिसमें लिखा है कि उप श्रमायुक्त इंदौर लक्ष्मीप्रसाद पाठक के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश करना है, इसलिए अभियोजन की मंजूरी दी जाए. इसके बाद जब बवाल मच गया तो उप श्रमायुक्त पाठक को श्रम मंत्री की निजी पदस्थापना में ओएसडी पदस्थ करने का आदेश सरकार ने वापस ले लिया.