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Central minister*केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को लिखा पत्र ग्रामीण अंचल से समाचार भेजने बाले को पत्रकारों माना जाय, जैसा राजा वैसा कारिंदा*

Central minister*केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को लिखा पत्र ग्रामीण अंचल से समाचार भेजने बाले को पत्रकारों माना जाय, जैसा राजा वैसा कारिंदा*
भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट। वर्षों से केंद्र सरकार पत्रकारों के हित में काम कर रही है। पत्रकारों को सही वेतन भत्ते मिलने के लिए समय समय पर वेतन आयोग गठित किया गया है वर्तमान में मजीठिया वेज बोर्ड लागू हो गया है। परंतु समाचार पत्रों के मालिकों द्वारा पत्रकारों को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन भत्ते सहित अन्य सुविधाएं नहीं दी जा रही है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल एवं कुछ अन्य बड़े शहरों में गिनती के कुछ पत्रकारों को मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन दिया जाता है। बुरी स्थिति ग्रामीण अंचल से समाचार भेजने बाले व्यक्ति कि है समाचार पत्रों के मालिकों द्वारा उस ग्रामीण अंचल के पत्रकार से तीन काम लिए जाते हैं,1 क्षेत्र के समाचार भेजना,2 समाचार पत्रों के लिए विज्ञापन लेना , 3 समाचार पत्रों के लिए ग्राहक बनाना,4 विज्ञापन की राशि बसूली करना और समाचार पत्रों के मालिकों को भेजना । मध्यप्रदेश में श्रम विभाग प्रहलाद पटेल को मिला है एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के पदाधिकारी शीघ्र ही मंत्री प्रहलाद पटेल से मुलाकात कर पत्रकारों की इस गंभीर समस्या पर चर्चा करेगा। भोपाल के सहायक श्रमायुक्त ने आयुक्त जनसंपर्क को पत्र लिखकर मांग की है कि जनसंपर्क विभाग समाचार पत्रों के मालिकों से वार्षिक विवरण मांगता है उस वार्षिक विवरण में समाचार पत्रों में कार्यरत कर्मचारियों का विवरण होता है। मध्यप्रदेश में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के कारण और आयुक्त जनसंपर्क के स्थानांतरण के कारण जानकारी देने में हिला हवाला होता रहा है। और अभी तक श्रम विभाग को जानकारी नहीं दी गई है । जनसंपर्क विभाग में मनमानी चल रही है इस पर अंकुश लगाने कि मांग मुख्यमंत्री मोहन यादव से की जा चुकी है। जितना शोषण ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों का होता है शायद बंधुआ मजदूर का नहीं होता है। *भ्रष्टाचार के मामले में व्यापम से ज्यादा बड़ा भ्रष्टाचार समाचार पत्र मालिकों द्वारा किया जाता है। ।*फर्जी प्रसार संख्या बताकर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के साथ आर्थिक घोटाला किया गया है। वर्ष 2020 एवं 2021 का समय देश में कोरोना वायरस के कारण आवागमन के साधन नहीं के बराबर थे उस समय भोपाल से प्रकाशित और प्रसारित दैनिक समाचार पत्रों की प्रसार संख्या 60 लाख से* *अधिक थी जबकि भोपाल की आवादी अधिकतम 30 लाख भी मान लें तो यह सबसे बड़ा घोटाला हुआ है*। *जैसा राजा होगा बैसा ही कारिंदा* आयुक्त जनसंपर्क को चाहिए कि वह इस आथिर्क घोटाले पर तत्काल प्रभाव से रोके।

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