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UP News: जितना बड़ा प्रदेश उतने बड़े घोटाले ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में घोटाला, विजिलेंस ने छह के खिलाफ दर्ज की एफआईआर

UP News: जितना बड़ा प्रदेश उतने बड़े घोटाले ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में घोटाला, विजिलेंस ने छह के खिलाफ दर्ज की एफआईआर
लखनऊ से निर्मल यादव के साथ भोपाल से वैंकटेश शारदा के द्वारा संपादित रपट , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी जब तक घोटाले करने वालों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी तब तक यह केंसर समाप्त नहीं होगा।
लखनऊ। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में घोटाला सामने आया है। यह घोटाला हरदोई के 85 गांवों में वर्ष 2005-06 में हुए विद्युतीकरण की जांच में पकड़ में आया है। शुरुआती जांच में यह घोटाला 1.31 करोड़ रुपये से अधिक का है।
*और बड़े घोटाले की आशंका*
विजिलेंस ने इस मामले में तत्कालीन दो अवर अभियंता, तीन एसडीओ और रिलायंस एनर्जी लिमिटेड के सीनियर मैनेजर के खिलाफ गबन, आपराधिक साजिश व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कर ली है। विजिलेंस ने इस मामले में और बड़े घोटाले की भी आशंका जताई है।
प्रदेश सरकार ने 31 अगस्त 2017 को इस मामले की विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत प्रदेश में यह कार्य उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा कराया गया है। नोएडा स्थित रिलायंस एनर्जी लिमिटेड को इस काम का ठेका मिला था।
*ट्रांसफार्मर-पोल लगाने के नाम पर हुआ घोटाला*
अधिकारियों ने नापजोख और लगाए गए सामान व उपकरण को चेक कर कंपनी को भुगतान कर दिया। 85 गांव में हुए काम के भौतिक सत्यापन में खुलासा हुआ कि पोल, डबल पोल, एलटी लाइन पोल, ट्रांसफार्मर सहित कई उपकरण लगाए ही नहीं गए और उनका भुगतान करा लिया गया।
*घोटाले की राशि और बड़ी हो सकती है*
विजिलेंस ने यह भी आशंका जताई है कि जिले के 776 गांवों में कराए गए कार्यों में घोटाले की राशि और बड़ी हो सकती है। विजिलेंस ने जो एफआइआर दर्ज की उसमें अवर अभियंता बैजनाथ सिंह व नरेश सिंह, एसडीओ देवेंद्र प्रसाद जोशी, अमजद अली व प्रमोद आनंद एवं रिलायंस एनर्जी लिमिटेड नोएडा के सीनियर मैनेजर प्रोजेक्ट अशोक कुमार दुबे शामिल हैं।

*अवर अभियंता पदोन्नति परीक्षा में घपला, विजिलेंस ने की एफआइआर*
बिजली विभाग में अवर अभियंता पद पर विभागीय पदोन्नतित के लिए वर्ष 2004 में हुई परीक्षा में अनियमितता, भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस ने एफआइआर दर्ज की है। इसमें विद्युत सेवा आयोग के तत्कालीन उप सचिव आर के राम, इंजीनियर बी के श्रीवास्तव, उप महाप्रबंधक एवं सदस्य इंजीनियर लालचंद्र, वीसी जोशी, अधिशासी अभियंता आलोक वर्मा व परीक्षा कराने वाली एजेंसी की सरिता मिश्रा व अभ्यर्थीगणों को नामजद किया गया

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