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*Donations भाजपा को एक साल में मिला सबसे अधिक 719 करोड़ रुपये का दान*।

*Donations भाजपा को एक साल में मिला सबसे अधिक 719 करोड़ रुपये का दान*।
चंदा,दानकर्ताओं में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश, ,मुख्यमंत्री, हिमंत बिस्वा सरमा (असम), और शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश) ने भी भाजपा को चंदा दिया है। भाजपा को 2021-22 की तुलना में पिछले वर्ष 105 करोड़ रुपये अधिक दान मिला है।
भारतीय जनता पार्टी को पिछले साल (2022-23) 719.83 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। पार्टी डोनेशन को लेकर एक वार्षिक रिपोर्ट जारी करती है। गुरुवार (30 नवंबर, 2023) को चुनाव आयोग ने भाजपा की इस वार्षिक रिपोर्ट को प्रकाशित किया। हालांकि, घोषित दान में वह राशि शामिल नहीं है, जो पार्टी को चुनावी बांड योजना के तहत मिला होगा।

वार्षिक रिपोर्ट में चेक, बैंक ट्रांसफर, ऑनलाइन लेनदेन और UPI भुगतान के रूप में 20,000 रुपये और उससे अधिक के सभी दान का विवरण शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में करीब 35 फीसदी चंदा प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से आया, यानी केवल इस ट्रस्ट से भाजपा को कुल 256.25 करोड़ रुपये मिले। एन्जिगार्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट और ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट से क्रमशः 8 लाख रुपये और 10 लाख रुपये मिले हैं।
2021-22 में भाजपा को व्यक्तियों, ट्रस्टों, कंपनियों और संघों से कुल 614.52 करोड़ रुपये का दान मिला था। इसका मतलब यह हुआ कि पार्टी को वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 2022-23 में 105 करोड़ रुपये अधिक दान मिला है।

दानदाताओं की सूची में पार्टी नेताओं के भी नाम हैं। कई राज्यों के मुख्यमंत्री, जैसे- हिमंत बिस्वा सरमा (असम), योगी आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश) और शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश) ने भी भाजपा को चंदा दिया है।
दानदाताओं में छोटे व्यवसाय, निजी स्कूल, शिक्षा और धर्मार्थ ट्रस्ट, खनन कंपनियां, निर्माण कंपनियां, कचरा प्रबंधन कंपनियां, डिस्टिलरी और रेस्तरां भी शामिल हैं।

दानदाताओं की लिस्ट में छोटे व्यवसायों से मिले चंदे की अलग सूची है, जिसमें पौधों की नर्सरी, शराब की दुकानें, आटा चक्की और हार्डवेयर स्टोर, आदि का नाम मिलता है।
बसपा को शून्य चंदा
चुनाव आयोग ने गुरुवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की डोनेशन रिपोर्ट भी प्रकाशित की। पार्टी ने 6.02 करोड़ रुपये के चंदे की घोषणा की है। राष्ट्रीय पार्टियों में आप ने बताया है कि उसे 2022-23 में 37 करोड़ रुपये का चंदा मिला। वहीं बसपा ने शून्य दान की घोषणा की है। चुनाव आयोग ने अभी तक कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों की रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की है
नियमानुसार पार्टियों को 20,000 रुपये से ऊपर के सभी दान का विवरण चुनाव आयोग को देना आवश्यक है। विवरण में दानदाता के नाम, पैन कार्ड और पता आदि शामिल होते हैं। हालांकि इलेक्टोरल बॉन्ड के तहत चंदे देने वाले का नाम गुमनाम रहता है, चुनाव आयोग को केवल कुल प्राप्त राशि की जानकारी देनी होती है।

2021-22 में भाजपा ने अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में चुनावी बांड के माध्यम से 1,033.70 करोड़ रुपये और अन्य योगदान के माध्यम से 614.52 करोड़ रुपये मिलने की घोषणा की थी

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