Bharat भारत और सनातन धर्म को बचाने के लिए 5 कानून बनाने की अत्यंत आवश्यकता है।
असत्य पर सत्य की, अंधकार पर प्रकाश की एवं अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व ही विजयादशमी है। नौ दिन मां शक्ति की आराधना एवं पश्चात विजयादशमी का पावन पर्व मानव जीवन को यह सीख प्रदान करता है कि किसी भी कठिन लक्ष्य की प्राप्ति के लिए धैर्य पूर्वक शक्ति का संचय एवं दृढ़ संकल्प शक्ति के अस्त्रों से ही असत्य रुपी दशानन का प्राणांत करके अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
दशानन हमारे जीवन की अनेकानेक दुष्वृत्तियों एवं दुर्गुणों का ही प्रतीक है। हमारे दुर्गुणों ने ही हमें भक्ति रुपी मां जानकी से वंचित किया हुआ है। जीवन में भक्ति रुपी मां जानकी की प्राप्ति के लिए हमें अपने भीतर के काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर, असत्य, अनाचार रूपी दशानन पर विजय प्राप्त करनी होगा
विजय बल एवं छल की नहीं अपितु विजय सदैव सत्य की ही होती है। असत्य कितना ही बलशाली क्यों न हो पर सत्य को परास्त करना उसके बस की बात नहीं। शक्ति संचय, सत्यनिष्ठा एवं दृढ़ संकल्प ही जीवन उत्थान एवं लक्ष्य प्राप्ति का मूल है, यही सीख हमें विजयादशमी के पावन पर्व से प्राप्त होती है । अतः सनातन धर्म को बचाने के लिए 5 कानून लागू करने की आवश्यकता है।