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प्रतिष्ठा में,
*श्री प्रहलाद पटेल*
श्रम मंत्री
मध्यप्रदेश शासन
विषय — *दैनिक समाचार पत्रों में काम करने वाले सभी पत्रकारों को नियुक्ति पत्र एवं वेतन दिए जाने के लिए तथा पत्रकारों को कांटेक्ट, टारगेट और कमीशन पर काम करने पर रोक लगाने के सम्बन्ध में*।
उपरोक्त विषय में निवेदन है कि दैनिक समाचार पत्रों में काम करने वाले सभी विशेष रूप से जिला एवं ग्रामीण अंचल के पत्रकारों को नियुक्ति पत्र जिसमें वेतन का उल्लेख करना आवश्यक है के लिए श्रमायुक्त को निर्देशित करने का कष्ट करें कि समस्त श्रम विभाग के सहायक श्रमायुक्त के माध्यम से पत्रकारों की जानकारी लेकर सरकार को दें कि कितने पत्रकारों को नियुक्ति पत्र एवं वेतन मिलता है।
*जैसा कि देखने में आता है दैनिक समाचार पत्रों के मालिकों के द्वारा पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों को वेतन आयोग के अनुसार न तो वेतन देते हैं और न ही उन्हें नियुक्ति पत्र देते हैं*।
*ग्रामीण अंचल के पत्रकारों को हाकर, समाचार लिखने, विज्ञापन लेने, समाचार पत्र की बिक्री की राशि एकत्रित करना उसी तरह विज्ञापन की राशि एकत्रित कर समाचार पत्र के मालिक को देना होता है*।
बहुत से समाचार पत्रों के मालिकों ने जिले के अनुसार समाचार पत्रों के एक पृष्ठ का मूल्य निर्धारित कर दिया जाता है,अब उस पत्रकार को उस एक पृष्ठ की राशि पर विज्ञापन देना है या समाचार यह उस पत्रकार पर निर्भर है।
इस स्थिति के कारण आम जनता को जिस जानकारी की आवश्यकता है वह उसे नहीं मिलती हैं इतना ही नहीं सरकारी योजनाओं से क्या लाभ जनता को मिलना चाहिए बह जानकारी भी नहीं जनता को नहीं मिलती हैं।
यह सब तो ठीक है लेकिन उन मेहनतकश पत्रकारों को जिनकी मेहनत से समाचार पत्रों को समाचार और आर्थिक रूप से मजबूत करने में अहम भूमिका निभाने के बावजूद सरकार द्वारा जो योजनाएं बनाई गई है उसका लाभ भी नहीं मिलता है।
यही पर मामला समाप्त नहीं होता जिस भी अवैध काम करने वाले के खिलाफ समाचार बनाते हैं उससे भी सामना करना पड़ता है।
प्रशासनिक व्यवस्था से आप भली भांति परिचित हैं। *पत्रकारों के पास नियुक्ति पत्र नहीं होने के कारण अधिकारी वर्ग उन्हें पत्रकार नहीं मानता* जिससे उन पर झूठी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज हो जाती है और जो गृह विभाग के आदेश है उसका लाभ नहीं मिलता है।
राज्य सरकार पत्रकारों को बीमारी पर खर्च होने बाली राशि के साथ उसका बीमा भी कराती है,
अतः एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन आपसे निवेदन करती है कि श्रम विभाग के आयुक्त को निर्देशित करें कि प्रत्येक जिले के सहायक श्रमायुक्त एवं जिला जनसंपर्क अधिकारी के माध्यम से उन पत्रकारों के नाम भी सूची में शामिल करें जो समाचार पत्रों को समाचार भेजते हैं इसमें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कार्यरत सभी कर्मचारियों को भी सामिल करें।
राधावल्लभ शारदा
प्रांतीय अध्यक्ष
2 सितंबर 2024
[9/5, 12:12 AM] radhavallabh sharda: फार्म 16 एवं पी पी एफ कटोटी का प्रूफ देना होगा गैर अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को।
आप सभी को मालूम है कि एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की मुहिम है कि मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों को नियुक्ति पत्र एवं वेतन आयोग के अनुसार वेतन मिलें जब वेतन मिलेगा तब ही पी पी एफ कटेगा।
मुझे और अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को मेरे अपने प्रदेश के ग्रामीण अंचल में कार्यरत पत्रकारों को और उनके परिवार को इस योजना जिसमें सरकार का भारी योगदान है का लाभ मिले।
उठो कलम के सिपाही अपने हक के लिए आबाज उठाने वाली यूनियन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें।
यदि आपको मेरी बात सही लगी है तो इस संदेश को अधिकतम पत्रकार मित्रों को भेजें और निवेदन करें कि एक यूनियन एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के साथ रहना है।
श्रम मंत्री श्री प्रहलाद पटेल को पत्र लिखा है कि जो मीडिया संस्थान उनके संस्थान में कार्यरत हैं उन्हें वेतन और नियुक्ति पत्र नहीं देता है उसे सरकारी विभागों से विज्ञापन नहीं दिया जाना चाहिए।
आपका
राधावल्लभ शारदा
प्रांतीय अध्यक्ष
एम पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन, मुख्यालय,एफ 88/19 सेकंड स्टाप तुलसीनगर भोपाल
9425609484