PMO प्रधानमंत्री कार्यालय से आए पत्र को मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव महत्व नहीं देते।
भोपाल, मध्यप्रदेश की मुख्य सचिव सुश्री वीरा राणा की कार्यप्रणाली समझ से परे है क्योंकि देश के प्रधानमंत्री कार्यालय से आए पत्र को दरकिनार कर दिया जाता है उस पत्र पर कार्यवाही से संबंधित व्यक्ति को पत्र के माध्यम से सूचना देने का उल्लेख होता है।
जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यालय से आए पत्र पर कार्यवाही नहीं होती है तो फिर अन्य किसी के पत्र पर कार्यवाही की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
यदि मुख्य सचिव से लेकर नीचे के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की यही हालत रही तो फिर भाजपा सरकार पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है।
यह तो हुई बात मुख्यसचिव को संबोधित प्रधानमंत्री कार्यालय के पत्र की।
यही स्थिति प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यालय का, मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे पत्र पर भी कोई कार्यवाही नहीं होती है इससे ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार में अफसरशाही हावी है।
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पराजित किया परंतु शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को पराजित करने में सक्षम नहीं दिखाई देता है मोहन यादव सरकार।
जिस भी विभाग में नजर डालते हैं उसमें लापरवाही और भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
नगर निगम के अधिकारियों ने सड़क के साथ फुटपाथ भी बेंच दिये है। भोपाल में अधिकारियों को अपने चेम्बर्स से बाहर निकलने का समय नहीं,जिसे देखो बही चपरासी से कहला देता है कि साहव मीटिंग में है या मुख्यमंत्री ने बुलाया है इस तरह के कई बहाने तैयार है।
