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Rajyapal*भारत के गौरव पूर्ण अतीत, समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं के अनुरूप कर्म पथ पर चले*मध्यप्रदेश को विकसित, आत्म-निर्भर बनाने में दे सर्वश्रेष्ठ योगदान राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने प्रदेशवासियों का किया आव्हान*

Rajyapal*भारत के गौरव पूर्ण अतीत, समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं के अनुरूप कर्म पथ पर चले*मध्यप्रदेश को विकसित, आत्म-निर्भर बनाने में दे सर्वश्रेष्ठ योगदान राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने प्रदेशवासियों का किया आव्हान*

भोपाल: राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल ने प्रदेश वासियों का आव्हान किया है कि भारत के गौरवपूर्ण अतीत और समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं के अनुरूप निरंतर कर्म पथ पर चलते हुए मध्यप्रदेश को विकसित एवं आत्म-निर्भर बनाने में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे। उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि हम भारत के लोग संविधान में अंतर्निहित न्याय, स्वतंत्रता, समता, एकता, अखंडता और बंधुता के मार्ग पर चलते हुए निरंतर प्रगति-पथ पर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार का लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट है। पहला सभी वर्गों, क्षेत्रों का उत्थान और सशक्तिकरण, दूसरा जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना तीसरा, प्रदेश के चहुँमुखी विकास के लिए भौतिक अधोसंरचना को अधिक से अधिक सुदृढ़ बनाना। चौथा, सबके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, निवेश और रोज़गार एवं स्व-रोज़गार को प्राथमिकता देना। पांचवां, सरकार के कामकाज में हर स्तर पर सुशासन सुनिश्चित करना और छठवां, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संकल्प-पत्र में दी गई गारंटियों को पूरा कर मध्यप्रदेश को देश का सबसे अग्रणी राज्य बनाना है।

राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल 75वें गणतंत्र दिवस पर राजधानी भोपाल में आयोजित मुख्य समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन लाल परेड ग्राउंड में किया गया था। इस अवसर पर राज्य मंत्री, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना सहित जन प्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य जन और बड़ी संख्या में भोपाल के नागरिक उपस्थित थे।
*प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 45 लाख करोड़ तक ले जाना लक्ष्य*
राज्यपाल श्री मंगु भाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के भारत को अमृत काल में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प की पूर्ति के लिए राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 45 लाख करोड़ रुपए के स्तर तक ले जाने का है। मध्यप्रदेश में सांस्कृतिक अभ्युदय का एक महापर्व गतिमान है। श्री महाकाल महा लोक परिसर की तर्ज पर 18 लोकों के निर्माण के रोड मैप पर तेजी से काम किया जा रहा है। संत शिरोमणि श्री रविदास स्मारक, रानी दुर्गावती स्मारक और श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक भावी पीढियों के लिए नए प्रेरणा पुंज के रूप में स्थापित होंगे। केन्द्र सरकार से भोपाल में 15 करोड़ रुपए की लागत से सिटी म्यूजियम की स्थापना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। प्रदेश के चित्रकूट, खजुराहो, उज्जैन एवं भोपाल में सांस्कृतिक वन बनाए जा रहे हैं। शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण और जैव-विविधता के संवर्धन के लिए 100 नगर वन क्षेत्र स्थापित करने का लक्ष्य है। उज्जैन स्थित श्री महाकाल महालोक के नीलकण्ठ वन परिसर एवं अवंतिका हाट के मध्य स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब ’प्रसादम्’ का शुभारंभ किया गया है।
*मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनहित ऐप लाँच*
*विशेष पिछड़ी जनजातियों की 100 तक की आबादी सड़क से जुड़ेगी*
*सी. एम. राइज स्कूलों के बच्चों को परिवहन सुविधा*
*देश के सबसे अग्रणी राज्य बनाने के तेज गति से हो रहे कार्य*
*अमृत-काल का आध्यात्मिक अनुष्ठान बना भगवान श्रीराम प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा*
*विकसित भारत-संकल्प-यात्रा से किसान, गरीब, महिला, युवा सशक्त बनें*
*न्याय, स्वतंत्रता, समता, एकता, अखंडता और बंधुता पथ पर चलना गर्व का विषय*
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने इस अवसर पर भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन करते हुए कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में पुष्पित और पल्लवित करने में उनका अमूल्य योगदान दिया। आज कृतज्ञ राष्ट्र उन सभी महापुरुषों, क्रांतिकारियों, जन-नायकों, देशभक्तों और शहीदों के चरणों में पूरी श्रद्धा से नमन कर रहा है, जिनके अदम्य शौर्य, साहस, त्याग और बलिदानों की बदौलत हम आज़ाद भारत की खुली हवा में सांस ले रहे है

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