ED ने अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इंडियन नेशनल लोकदल के पूर्व विधायक, सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार और उनसे जुड़ी संस्थाओं पर छापेमारी
महादण्ड न्युज नेटवर्क संवाददाता के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट
एजेंसी ने यमुनानगर, सोनीपत, मोहाली, फरीदाबाद, चंडीगढ़ और करनाल में दोनों राजनेताओं और उनसे जुड़े व्यक्तियों के लगभग 20 परिसरों पर छापेमारी के बाद दिलबाग सिंह और उनके सहयोगी कुलविंदर सिंह को गिरफ्तार किया था. ये तलाशी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज एक मामले पर आधारित थी.
PTI के मुताबिक, इस केस में एक पुराने मामले में संज्ञान लिया गया था. जिसमें लीज समाप्ति अवधि और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद भी यमुनानगर और आसपास के जिलों में हुए बोल्डर, बजरी और रेत के अवैध खनन के संबंध में हरियाणा पुलिस की कई एफआईआर शामिल हैं.
ईडी के गुरुग्राम क्षेत्र के संयुक्त निदेशक नवनीत अग्रवाल ने 19 जनवरी को यमुनानगर के प्रताप नगर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि 4 जनवरी को एजेंसी द्वारा ली गई तलाशी में पाया गया कि दिलबाग सिंह, उनके सहयोगियों और कुछ कंपनियों ने पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन किया है. ऑफ-टाइम के दौरान भारी मशीनरी का उपयोग करके इन-स्ट्रीम खनन, अधिक मात्रा में रेत निकालने के लिए पट्टा क्षेत्र में रेत की परत बिछाकर यमुना नदी के प्रवाह को मोड़ा है.
शिकायत में कहा गया है कि अवैध अवैज्ञानिक खनन से अर्जित आय को फर्जी नामों में विभिन्न डमी संस्थाओं के माध्यम से भेजा गया है, उन संस्थाओं में भारी नकदी जमा की गई है और इस तरह के पैसे को उनके व्यक्तिगत बैंक खातों, संबंधित कंपनियों और संस्थाओं में जमा किया गया.
एजेंसी ने दिल्ली रॉयल्टी कंपनी, मुबारिकपुर रॉयल्टी कंपनी, डेवलपमेंट स्ट्रैटेजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, जेएसएम फूड्स प्रा. लिमिटेड और पीएस बिल्डटेक जैसी कंपनियों के नाम का जिक्र करते हुए एफआईआर में दिलबाग सिंह, राजिंदर सिंह और अन्य 11 लोगों को आरोपी बनाया है.
एफआईआर में खान और खनिज (विकास का विनियमन) अधिनियम, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) की धाराएं लगाई हैं. एजेंसी इस एफआईआर की सामग्री को दिलबाग सिंह और अन्य के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल कर सकती है.