Rajnath Singh राजनाथ सिंह बोले-
भारतीय सैनिकों की बहादुरी और मानवता की एक पहचान है मानवता के सुनहरे अध्यायों में से एक है।
दिल्ली से शिवकुमार शर्मा के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट
भारतीय सैनिकों की बहादुरी और मानवता का न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में सम्मान और पहचान है। प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में हमारे सैनिकों की बहादुरी को दुनिया भर में सम्मान के साथ याद किया जाता है। हम भारतीय भी न सिर्फ अपने देश के सैनिकों का बल्कि दूसरे देशों के सैनिकों का भी सम्मान करते हैं।
दुनिया भारतीय सेना का मानवीय चेहरा पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में देख चुकी है। ये बातें रविवार को वायु सेना स्टेशन चकेरी में आयोजित आठवें सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस समारोह 2024 में मुख्य अतिथि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहीं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था। हम उनके साथ जैसा चाहते, वैसा व्यवहार कर सकते थे लेकिन हमारी संस्कृति और परंपरा ऐसी है कि हमने मानवीय नजरिया अपनाया और उन्हें पूरे सम्मान के साथ उनके देश वापस भेजा। दुश्मन देश सैनिकों के साथ ऐसा व्यवहार मानवता के सुनहरे अध्यायों में से एक हैं ।भारतीय के दिल में सैनिक एक विशेष स्थान रखते हैं। हमारे सैनिक परिवार, जाति और संप्रदाय से ऊपर उठकर केवल राष्ट्र के बारे में सोच रखते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने से लेकर स्वास्थ्य देखभाल और पुन: रोजगार देने तक अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर कार्य कर रही है।
जनमानस की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे सैनिकों और उनके आश्रितों के साथ अपने परिवार की तरह व्यवहार करें और हमेशा उनके हित में साथ रहें। समारोह से पूर्व रक्षा मंत्री ने युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर वीर नायकों को उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए श्रद्धांजलि दी। यहां भारतीय सशस्त्र सेनाओं के रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान, एयर आफिसर कमांडिंग इन चीफ, मेंटेनेंस कमांड एयर मार्शल विभास पांडेय और एयरफोर्स स्टेशन के एयर आफिसर कमांडिंग, कानपुर के एयर कमोडोर एमके प्रवीण मौजूद रहे।