Farhad नेत्र अस्पताल के मालिकों को धमकाया था पी एम ओ का अधिकारी बनकर,निकला फर्जी सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया हैं।
इंदौर से रजनी खेतान के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट
फर्जी पीएमओ अधिकारी बन एक नेत्र अस्पताल को धमकाने मामले में सीबीआई ने आरोपी मयंक तिवारी के खिलाफ चार्जशीट दायर की हैं। जिसमें आरोप लगाया कि आरोपी ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का उच्च पदस्थ अधिकारी बताया था। लगभग तीन माह की लंबी जांच के बाद सीबीआई ने एक विशेष सीबीआई अदालत में पहला आरोप पत्र दायर किया हैं। अक्तूबर माह में मामला सामने आते ही सीबीआई ने अहमदाबाद और इंदौर समेत कई स्थानों पर तलाशी ली थी, जिसमें कई दस्तावेजों को जब्त किया गया था।
16 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जाना था
आरोप है कि नेत्र अस्पतालों की श्रृंखला ‘डॉ अग्रवाल’ ने इंदौर के अस्पताल के संचालक दो चिकित्सकों से एक करार किया था, जिसके लिए 16 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जाना था। इसके बाद इंदौर के अस्पताल ने कथित रूप से समझौते की शर्तों का उल्लंघन करना शुरू कर दिया, जिसके बाद विवाद शुरू हो गया और डॉ अग्रवाल के प्रवर्तक अपना पैसा वापस लेकर करार खत्म करना चाहते थे।
मामला हाईकोर्ट गया, जिसने एक मध्यस्थ की नियुक्ति की। मध्यस्थ ने अंतरिम निर्णय में इंदौर के अस्पताल से चार सप्ताह में 16.43 करोड़ रुपये जमा करने को कहा। इसी दौरान डॉ. अग्रवाल अस्पताल के मालिकों को तिवारी की ओर से फोन कॉल और संदेश आने लगे। इसमें उनसे कथित बकाया को भूलकर मामले का समाधान करने को कहा गया।
जब प्रधानमंत्री कार्यालय को इस बात का पता चला था तो उसने तत्काल सीबीआई से जांच करने को कहा था। पीएमओ ने सीबीआई जांच के संदर्भ में कहा था कि प्रथम दृष्टया यह पीएमओ का अधिकारी फर्जी तरीके से बनकर पीएमओ के नाम का दुरुपयोग करने का मामला है, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय में न तो यह व्यक्ति काम करता है और ना ही यह पद है। जिसके बाद सीबीआई ने मामले में मुकदमा दर्ज किया और तीन माह के लंबी जांच के दौरान आरोपी के खिलाफ चार्ज शीटर दायर की।
