*Jammu Kashmir Teh As An Unlawful Association
*गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा कदम,आतंकवाद पर ऐक्शन में सरकार, तहरीक-ए-हुर्रियत को घोषित किया प्रतिबंधित संगठन*
दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत विरोधी दुष्प्रचार करने वाले अलगाब वादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत को पाकिस्तान समर्थक संगठन घोषित किया। गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में घोषणा की और कहा कि तहरीक ए हुर्रियत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहते हैं। इसके सदस्य भारत विरोधी दुष्प्रचार करते हैं।केंद्र सरकार ने पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी समूह तहरीक-ए-हुर्रियत (टी ई एच) जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश में आतंकवाद को बढ़ावा देने और भारत विरोधी दुष्प्रचार करने के चलते रविवार को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि संगठन को जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखते और भारत विरोधी दुष्प्रचार करते हुए पाया गया।
उन्होंने कहा कि भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल हर व्यक्ति या संगठन की साजिश को ‘आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति के तहत विफल कर दिया जाएगा। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर (टी ई एच) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है।’
इस्लामी सत्ता मुसल्लत करना था मकसद… सरकार ने ‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर’ को आतंकी संगठन घोषित किया
पाकिस्तान समर्थक इस समूह का नेतृत्व पहले दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के हाथों में था। इसके बाद इसका नेतृत्व मसर्रत आलम भट के पास आ गया। भट को भारत विरोधी और पाकिस्तान के समर्थन में एजेंडा चलाने के लिए जाना जाता है। भट फिलहाल जेल में है और उसकी पार्टी ‘मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर’ को 27 दिसंबर को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया था।
भारत की खाता पाकिस्तान की गाता… कौन है मसरत आलम जिसके संगठन पर सरकार ने चला दिया हथौड़ा?
इससे पहले केंद्र ने 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर-मसरत आलम गुट को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के अंतर्गत गैर कानूनी संस्था घोषित किया था। उस समय केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। ये आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं। शाह का कहना था कि मोदी सरकार का साफ मैसेज है कि राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को छोडा नहीं जाएगा।