consumer protection act भ्रामक विज्ञापन पर यूएई ने बनाया बेहद सख्त कानून, उल्लंघन पर जेल के साथ करोड़ों का जुर्माना,
भोपाल से राधावल्लभ शारदा की विशेष टिप्पणी – मध्यप्रदेश में भी इस तरह का कानून हैं , समाचार पत्रों में प्रकाशित भ्रामक विज्ञापन को लेकर भोपाल पुलिस आयुक्त को पत्र दिया परन्तु पुलिस विभाग के कर्मचारियों को जनता अच्छे से जानती है*। यू ए ई में इन कानूनों के तहत प्रदाता को उनके दायित्वों से छूट देने के उद्देश्य से अनुबंध, चालान या दस्तावेज में पाई गई कोई भी शर्त अमान्य मानी जाएगी। कानून में बार-बार उल्लंघन की स्थिति में दंड को दोगुना करने की संभावना के साथ जुर्माना, जेल या दोनों को लगाया जा सकता है। खासतौर से ग्राहकों को स्कैम से बचाने के लिए ये कानून लाए गए हैं।
*यूएई ने खासतौर से भ्रामक विज्ञापन से ग्राहकों को बचाने के लिए ये कानून बनाए हैं*।
*संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने ग्राहकों से जुड़े नए कानून बनाए हैं*। नए उपभोक्ता संरक्षण कानून का उल्लंघन करने पर दो मिलियन दिहरम (करीब साढ़े 4 करोड़ भारतीय रुपए) तक जुर्माना और 2 साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है। नया उपभोक्ता संरक्षण कानून के कई कमियों और मुद्दों को दुरुस्त करता है, जो पुराने कानून में नहीं थे। यूएई के दुबई, अबू धाबी और दूसरे शहरों में बड़ी संख्या में भारतीय लोग रहते हैं। ऐसे में भारतीयों के लिए भी इन कानूनों को जान लेना जरूरी है। आपूर्तिकर्ताओं को अनुबंधों में ऐसे किसी भी खंड को शामिल करने से प्रतिबंधित किया गया है, जो बाद में उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा सकता है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, अक्टूबर में लागू हुए उपभोक्ता संरक्षण कानून के प्रावधानों के तहत उपभोक्ता वस्तुओं या सेवाओं के उपयोग से किसी भी नैतिक या भौतिक क्षति के लिए मुआवजे की मांग कर सकते हैं। उपभोक्ता संरक्षण पर 2020 के संघीय कानून संख्या 15 में लंबे समय से प्रतीक्षित खंडों को जोड़ा है, जो 14 अक्टूबर, 2023 को प्रभावी हो गए हैं।
नए कानून के प्रमुख पहलू
नए कानून कहते हैं कि सप्लायर और कमर्शियल एजेंटों को सभी प्रासंगिक जानकारी का सटीक रूप से खुलासा करना होगा और डिस्पले के दौरान माल की कीमत को स्पष्ट रूप से लिखना होगा। सामान का विज्ञापन भ्रामक नहीं होगा और उपभोक्ताओं को कीमत और खरीद की तारीख बताते हुए एक चालान देना होगा। आपूर्तिकर्ता को वारंटी का सम्मान करना होगा, स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव सेवाएं प्रदान करनी होंगी। दोषपूर्ण सामान बदलना होगा, या उनका मूल्य नकद में वापस करना होगा। आपूर्तिकर्ता को उत्पादों में खामियों का पता चलता है तो उन्हें तुरंत संबंधित प्राधिकारी को सूचित करना होगा। उत्पाद या सेवा की खामियों की स्थिति में आपूर्तिकर्ता को मरम्मत या धनवापसी की पेशकश करनी होगी।
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, पिछला कानून एकाधिकार के मुद्दे को संबोधित नहीं करता था, जो आपूर्तिकर्ताओं को सामान छिपाने, बिक्री में गिरावट या कीमतों को प्रभावित करने के लिए सेवाओं से इनकार करने की अनुमति देता था। इसके विपरीत हालिया कानून संख्या 15 इसकी साफ-साफ व्याख्या करता है। नए कानून में उल्लंघन करने पर छह महीने से 2 साल तक की कैद और 3,000 से 20 लाख तक का जुर्माना रखा गया। बार-बार उल्लंघन करने पर ये दंड बढ़ता जाएगा।