*UPदेश की जनता देख रही है जो काम 70 साल में नहीं हुआ उसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर दिखाया*
लखनऊ से प्रेमशंकर अवस्थी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा के द्वारा संपादित रपट
मुख्तार अंसारी की अरबों की संपत्ति पर चला कानून का ‘बुलडोजर’, मुख्तार अंसारी के काले साम्राज्य का पूरा हिसाब-किताब एक के बाद ऐक्शन लिया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप उसके और उसके करीबियों को मिलाकर अब तक अरबों की प्रॉपर्टी पर ऐक्शन हुआ है। माफिया की 605 करोड़ की संपत्ति अभी तक जब्त या फिर ध्वस्त की जा चुकी है
योगी आदित्यनाथ सरकार में सितंबर 2022 से लेकर अब तक माफिया मुख्तार के खिलाफ कोर्ट में चल रहे केसों में से 7 में उसे सजा हो गई है। इसके साथ ही माफिया अंसारी के गुनाह के साम्राज्य को मटियामेट करने की कार्रवाई लगातार चल रही है। क्राइम वर्ल्ड के अलग-अलग काले कारनामों से अर्जित पैसे से खड़ा मुख्तार का साम्राज्य अब एक-एक कर ध्वस्त हो रहा है। मुख्तार गैंग की 605 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को सरकार अब तक जब्त और ध्वस्त करा चुकी है।
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और उसके गैंग के सदस्यों पर गैंगे स्टर ऐक्ट की धारा 14(1)के तहत कार्रवाई बड़े पैमाने पर हुए। इसके परिणामस्वरूप 317 करोड़ 97 लाख की प्रॉपर्टी सीज की गई है। 287 करोड़ की संपत्ति को कानूनी कार्रवाई करते हुए ध्वस्त कर दिया गया। इनमें वह प्रॉपर्टी भी शामिल है, जो मुख्तार और उसके सहयोगियों के अवैध कब्जे मुक्त कराई गई है। वहीं मुख्तार के सहयोग से चलने वाले ठेके, टेंडरिंग और अन्य अवैध कार्य पर भी पुलिस ने व्यापक अंकुश लगाया है। इस सब पर रोक लगाए जाने से माफिया और उसके गैंग को 215 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ है।
इसके अलावा मुख्तार के 186 सहयोगियों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है।पुलिस के ताबड़ तोड़ एक्शन की खौफ से मुख्तार गैंग के 18 सदस्यों ने आत्मसमर्पण पिछले कुछ समय मे किया है। पुलिस ने इस गैंग से जुड़े लोगों के 175 अवैध हथियारों को भी जब्त कर लिया। साथ ही गैंग के पांच शूटर पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके है। गाजीपुर के पॉश इलाके महुआ बाग में मुख्तार अंसारी की ओर से निर्माण कराए गए गजल होटल को प्रशासन ने मास्टर प्लान की अवहेलना के आधार पर गिरा दिया था। इस होटल के पहले तल को गिराया गया था। अंसारी परिवार की ओर से जिला मुख्यालय पर निर्मित यह पहली प्रॉपर्टी थी। जानकारों की माने तो या होटल कभी भी व्यावसायिक ऊंचाई नहीं पाया।