Spend Night In Mahakal City जिस पर बावा महाकाल की कृपा हो सारे मिथक टूट जाते हैं, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चन्द्र सेठी उज्जैन के थे
उज्जैन से अरुण शर्मा की रपट भोपाल से राधावल्लभ शारदा के साथ
उज्जैन में रात के वक्त क्यों नहीं रुकता कोई सीएम? अब रहस्यमय मिथक को तोड़ेंगे मोहन यादव
मोहन यादव उज्जैन शहर के रहने वाले हैं। उज्जैन के बारे में ऐसा कहा जाता है कि कोई सीएम यहां रात्रि विश्राम नहीं कर सकता है। उज्जैन को महाकाल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। वह, उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने हैं। उनका घर उज्जैन नगर निगम सीमा में आता है।
उज्जैन। को महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है। महाकाल को उज्जैन का राजाधिराजा माना जाता है। इस शहर के बारे में एक मिथक है कि यहां महाकाल के अलावा दूसरा कोई ‘राजा’ नहीं रुक सकता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को भी ‘राजा’ माना जाता है। मध्यप्रदेश के नए सीएम मोहन यादव भी उज्जैन के रहने वाले हैं। वह, उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि राज्य का कोई सीएम उज्जैन में रूकेगा इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चन्द्र उज्जैन से थे , बावा महाकाल की कृपा प्राप्त थे
ऐसा मिथक है कि अगर कोई दूसरा राजा उज्जैन में रात में विश्राम करता है तो उसकी मौत हो जाती है। महाकाल के अलावा केवल विक्रमादित्य ही ऐसे राजा थे जो उज्जैन में रात विश्राम किए हैं। इसके अलावा किसी राजा ने यहां रात नहीं बताई है। सिंहस्थ के समय मध्यप्रदेश के तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान तैयारियां का जायजा लेने उज्जैन जाते थे लेकिन कभी यहां रुके नहीं। मोहन यादव 16 दिसंबर की रात उज्जैन में भी बिताएंगे
मोहन यादव सीएम पद की शपथ लेने के बाद सबसे पहले महाकाल के मंदिर पहुंचे थे और फिर वापस भोपाल आ गए थे। महाकाल के मंदिर में उन्होंने माथा टेका था। सीएम के उज्जैन में रात्रि विश्राम को लेकर पंडित अरविंद तिवारी ने कहा कि, सीएम वहां राजा बनकर नहीं रुक सकते हैं वह केवल दास बनकर उज्जैन में रह सकते हैं। यही कारण है कि सीएम पद की शपथ लेने के बाद वे सबसे पहले उज्जैन गए थे और उन्होंने महाकाल के सामने खुद को दास के रुप में पेश किया था।
सिंधिया परिवार के सदस्य भी नहीं करते हैं रात्रि विश्राम
उज्जैन को ग्वालियर रियासत का हिस्सा माना जाता है। उज्जैन में महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार आज से करीब 150 साल पहले सिंधिया राजवंश के महाराजा राणोजी सिंधिया ने करवाया था। उसके बाद से इस रियासत का कोई भी सदस्य उज्जैन में नहीं रुकता है। माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कभी भी उज्जैन में रात्रि विश्राम नहीं किया।
उज्जैन में अगर कोई राजा रात्रि विश्राम करता है तो वह काल का ग्रास बनता है। मोहन यादव उस स्थान में रुक सकते हैं जो उज्जैन नगर निगम की सीमा या फिर शिप्रा नदी के दूसरे किनारे में हो। महाकाल के अलावा यहां और कोई दूसरा राजा नहीं हो सकता है।
पंडित अरविंद तिवारी
क्या है मिथक?
उज्जैन शहर से ये मिथक जुड़ा है कि किसी भी रियासत का राजा इस शहर में नहीं रुक सकता है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को राजा का दर्जा दिया जाता है। यहां अगर कोई राजा एक रात बिताता है या तो उसकी मौत हो जाती है या फिर उसकी सत्ता चली जाती है।उज्जैन में है मोहन यादव का घर
मोहन यादव का घर उज्जैन नगर निगम की सीमा के अंदर आता है। उनका एक घर गीता कॉलोनी में है जो उज्जैन उत्तर में है। वहीं, दूसरा घर दशहरा मैदान के पास है। यह घर उज्जैन दक्षिण में आता है। दोनों घर उज्जैन नगर निगम की सीमा के अंदर आते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम सर्टिक हाउस या फिर होटल रुद्राछ में रुक सकते हैं। यह दोनों स्थान उज्जैन नगर निगम की सीमा से बाहर है।