UP Lok Sabha Election 2024: यूपी में लोकसभा चुनाव में BJP 35-40 सीट पर नए कैंडिडेट उतारेगी पार्टी
उत्तर प्रदेश से प्रेमशंकर अवस्थी की रपट भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित मध्य प्रदेश ,राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए गए प्रयोगों का उसको भरपूर फायदा मिला. अब यूपी में भी नए प्रयोग की संभावना है.
यूपी में लोकसभा चुनाव में भाजपा लगभग
35-40 सीट पर नए कैंडिडेट उतारेगी पार्टी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को नए प्रयोग में मिली सफलता के बाद अब लोकसभा चुनाव में भी नए प्रयोग देखने को मिलने वाले हैं.
भारतीय जनता पार्टी 2014 के बाद हर चुनाव में अलग-अलग प्रयोग करते हुए दिखाई देती है. हर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अलग अलग स्ट्रेटजी के साथ निकल कर सामने आती है और इन स्ट्रेटजी से उसे चुनावों में फायदा भी मिल रहा है. हाल ही में मध्य प्रदेश ,राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा किए गए प्रयोगों का उसको भरपूर फायदा मिला. भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव 18 ऐसे उम्मीदवार लड़ाए जो लोकसभा के सदस्य थे, उनको लोक सभा छोड़कर विधानसभा चुनाव लाडवाया है पार्टी ने और इसमें से 12 ने जीत भी हासिल की. इस दो तिहाई परिणाम से भाजपा काफी खुश है और लोकसभा चुनाव में भी नए प्रयोग करते हुए दिखाई देगी.
इन सीटों पर बदले जाएंगे प्रत्याशी?
वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला ने इस विषय पर एबीपी लाइव से बातचीत करते हुए बताया कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी बड़ा फेरबदल करने जा रही है. उनका कहना है भाजपा बड़े पैमाने पर इस बार टिकट काटने जा रही है और इसमें बड़े बड़े दिग्गज निपट जायेंगें. यूपी की 80 लोकसभा सीट में से करीब 35 से 40 ऐसी सीट हैं जिन पर नए प्रत्याशी उतारने जा रही है जिसमे 10 के करीब सीट पश्चिम की है, 5 करीब बुंदेलखंड में बदले जाएंगे, 10 के करीब में पूर्वांचल में टिकट बदले जाने वाले हैं वही अवध में 10 के करीब नए प्रत्याशी उतारे जाएंगे. बतौर बृजेश शुक्ला कई मौजूदा सांसदों के टिकट की जगह कुछ मौजूदा मंत्रियों को लड़ाए जाने की चर्चा है. उन्होंने कहा की ये प्रयोग 2014 में भी भाजपा कर चुकी है.
भारतीय जनता पार्टी ने इंटरनल सर्वे कराया है और इसके आधार पर वो बड़ा फेरबदल करेगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष जाति जनगणना को बड़ा मुद्दा बता पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में उठा रहा था पर अगर ये मुद्दा होता तो एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में बैकवर्ड क्यों भाजपा के साथ जाता. उन्होंने कहा कि 90 के बाद मंडल लागू होने के बाद लोगों को क्या मिला ये लोग सोचते हैं और जब पीछे झांक कर देखते हैं तो आरक्षण का लाभ चुनिंदा लोगों को ही मिल पाया वहीं भाजपा की स्ट्रेटजी से कई लोगों को लाभ मिलता हुआ दिखाई दे रहा जैसा वोट बता रहे.
मंत्रिमंडल में एक बड़ा फेर बदल?
वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा ने एबीपी लाइव से बातचीत में कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले मंत्रिमंडल में एक बड़ा फेर बदल देखने को मिल सकता है जिसमें कई सिटिंग मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है तो वहीं कई सिटिंग मंत्रियों को चुनाव में भी भेजा जा सकता है.आज की बीजेपी सर्वे , रिसर्च और इनफार्मेशन के साथ चुनाव में जाती है और वो आंकड़ों का बड़ा ख्याल रखती है. उन्होंने कहा की कई सिटिंग सांसदों के टिकट कटेंगे और उनको संगठन में जगह देकर मैनेज किया जायेगा. उन्होंने कहा की भाजपा के नए दौर में नाम की बात करने बहुत टिपिकल है जिस आधार पर भाजपा राजनीति कर रही है. एमपी , राजस्थान और छत्तीसगढ़ के सीएम का चुनाव भाजपा की नई राजनीति को दर्शाता है