*Cash For Query: महुआ मोइत्रा पर आचार समिति की रिपोर्ट लोकसभा में पेश, महुआ मोहित्रा की खत्म हो गई संसद सदस्यता*
दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी की रपट भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित
दिल्ली – तृणमूल कांग्रेस महुआ मोहित्रा की संसद सदस्यता खत्म करने के पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट सदन में पेश की गई। भाजपा सांसद विजय सोनकर ने रिपोर्ट की कापी सभा के पटल पर रखा। बताया गया कि रिपोर्ट पेश होने के बाद महुआ के खिलाफ निष्कासन प्रस्ताव लाने की भी तैयारी की जा रही है। रिपोर्ट में न सिर्फ महुआ की सदस्यता निरस्त करने की, बल्कि उनके कृत्यों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए इसकी जांच भी कराने की सिफारिश की गई है।
लोकसभा सचिवालय द्वारा शुक्रवार के लिए जारी कामकाज की संशोधित सूची में आचार समिति की रिपोर्ट को एजेंडा आइटम नंबर 7 के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। उधर, रिपोर्ट पेश होने और विपक्ष के मतविभाजन की मांग के मद्देनजर भाजपा ने व्हिप जारी कर अपने सांसदों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
लोकसभा में रिपोर्ट पर चर्चा के बाद अगर सदन समिति की सिफारिश के पक्ष में वोट करता है तो मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म हो जाएगी। हालांकि, विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया है कि मोइत्रा पर निर्णय लेने से पहले सिफारिशों पर चर्चा होनी चाहिए। बसपा सांसद दानिश अली ने पत्रकारों से कहा कि अगर लोकसभा में रिपोर्ट पेश की जाती है, तो हम विस्तृत चर्चा पर जोर देंगे क्योंकि समिति की बैठक में मसौदा ढाई मिनट में अपनाया गया था।
समिति ने 500 पेज की रिपोर्ट बनाई है। इसमें संसद की गरिमा को बचाने व राष्ट्रीय सुरक्षा को महत्व देने के लिए कई अहम सिफारिश की गई हैं। महुआ पर रिश्वत ले कर अदाणी समूह के खिलाफ कारोबारी हीरानंदानी को लाभ पहुंचाने के लिए सवाल पूछने के आरोप हैं। खुद महुआ ने स्वीकार किया था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के पोर्टल से जुड़ी अपनी आईडी-पासवर्ड साझा किए थे। हीरानंदानी ने महुआ को रिश्वत देने की बात स्वीकारी थी।
भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने रिश्वत लेकर सवाल पूछने के मामले में मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट अपनाई थी। कांग्रेस सांसद परनीत कौर सहित समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था। जबकि विपक्षी दलों से जुड़े समिति के चार सदस्यों ने असहमति नोट प्रस्तुत किए थे। ।