*PMLA आपराधिक साजिश मनी लॉन्ड्रिंग का हो तभी बनेगा पीएमएलए केस – सुप्रीम कोर्ट*
दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा की विशेष रपट सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए के तहत केस को लेकर अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत अपने फैसले में साफ कहा है कि आपराधिक साजिश मनी लॉन्ड्रिंग के लिए होगा तभी पीएमएलए के तहत केस बनेगा। ईडी सेक्शन 120 का यूज कर मनीलॉन्ड्रिंग का केस नहीं बना सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि ईडी तब आपराधिक साजिश यानी आईपीसी की धारा-120 का इस्तेमाल कर पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग) का केस नहीं बना सकती है जब तक कि साजिश मनी लॉन्ड्रिंग से लिंक न हो। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएस ओका की अगुवाई वाली बेंच ने व्यवस्था दी है कि आपराधिक साजिश की धारा का इस्तेमाल उसी अपराध के लिए हो सकता है जिस अपराध के लिए साजिश रची गई हो ।
मौजूदा मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने बेंगलूर के स्पेशल कोर्ट में याचिकाकर्ता के खिलाफ पीएमएलए का केस खारिज करने से मना कर दिया था। तब मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया। सुप्रीम कोर्ट ने उक्त आधार पर केस खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा मामले में आरोपी के खिलाफ जो धाराएं लगाई गई थी वह आईपीसी की धाराएं थी और वह मनी लॉन्ड्रिंग के तहत होने वाले लगातार अपराध की श्रेणी में नहीं थे। ऐसे में ईडी आईपीसी की धारा-120 बी का इस्तेमाल कर पीएमएलए का केस नहीं चला सकती है। मौजूदा मामले में ईडी ने आरोपी के खिलाफ 7 मार्च 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में पिछले हफ्ते कहा था कि ईडी, आपराधिक साजिश की धारा-120 बी का इस्तेमाल कर पीएमएलए (मनी लॉन्ड्रिंग) का केस तब तक नहीं बना सकती है जब तक कि साजिश मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित न हो। सुप्रीम कोर्ट में पीएमएलए के तहत ईडी को दी गई शक्तियों को बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ दाखिल रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने पिछले हफ्ते उक्त मौखिक टिप्पणी की थी। पीएमएलए कानून को वैध ठहराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के खिलाफ रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई अभी पेंडिंग है
सुप्रीम कोर्ट ने दी है अहम व्यवस्था..
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल पीएमएलए कानून को वैध करार दिया था। इसके तहत ईडी को अधिकार है कि वह संपत्ति को अटैच कर सके, आरोपी की गिरफ्तारी कर सके और सर्च कर सके और अवैध संपत्ति को सीज कर सके। सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल की गई थी। जिस पर सुनवाई होनी है पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी यही टिप्पणी की थी, इसी बीच सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य बेंच ने उक्त आदेश पारित किया है जो मामले में अहम व्यवस्था के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि ऐसे तमाम मामले अदालतों में पेंडिंग है जिनमें साजिश की धारा का इस्तेमाल कर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चला है। अब आने वाले दिनों में जब रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई नए बेंच के सामने होनी है और तब पीएमएएल कानून का गहन परीक्षण होगा लेकिन इसी बीच साजिश के मामले जो सुप्रीम व्यवस्था आई है उससे आगे का रास्ता तय होगा।