*भाजपा विरोधी दल के नेताओं को चाणक्य नीति का अध्ययन करना चाहिए,ये लोग जितनी बुराई भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की करेंगे उतनी ही उनकी ताकत और लोकप्रियता बढ़ेगी* पीएम मोदी ने भरी तेजस में उड़ान तो जयराम रमेश ने कसा तंज, बोले- 1984 में एडीए ने किया था…
तेजस फाइटर जेट में PM मोदी के उड़ान भरने पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि यह हमारी स्वदेशी वैज्ञानिक व तकनीकी क्षमता वाली योजना है. 1984 में स्थापित एडीए ने इसका डिजाइन किया था.
पीएम मोदी ने भरी तेजस में उड़ान तो जयराम रमेश ने कसा तंज, बोले- 1984 में एडीए ने किया था…
तेजस फाइटर जेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उड़ान भरने की खबरों और सोशल मीडिया पर शेयर की कई फोटो को लेकर कांग्रेस ने भी तंज कसा है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा कि तेजस हमारी स्वदेशी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता वाली योजना है. 1984 में स्थापित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) की तरफ से तेजस का डिजाइन किया गया था. इस हल्के लड़ाकू विमान के डिजाइन को 6 साल बाद अंतिम रूप दिया गया था.
कांग्रेस नेता ने कहा कि तेजस को एडीए की तरफ से डिजाइन किए जाने के बाद इस पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज (एनएएल), भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के साथ मिलकर काम किया गया.
‘साल 2011 में योजना को दी गई थी ऑपरेशनल मंजूरी’
जयराम ने कहा कि हल्के लड़ाकू विमान के डिजाइन को छह साल बाद अंतिम रूप दिया गया. आखिरकार साल 2011 में इसको ऑपरेशनल मंजूरी दी गई थी. निस्संदेह, ऐसे और भी कई अहम मील के पत्थर भी हैं. उन्होंने यह सभी कहा कि इस योजना को दशकों पहले बहुत ही दृढ़तापूर्वक बनाया गया था.
‘2014 से पूर्व के प्रयासों को स्वीकार करने में ज्यादा खर्च नहीं’
जयराम रमेश ने पीएम मोदी को नाम लिये बिना उन पर निशाना साधते हुए यह भी कहा, ‘चुनावी फोटो-ऑप्स’ के मास्टर को 2014 से पूर्व के प्रयासों को स्वीकार करने में ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता है जो अब उनके दावे के श्रेय के लिए जरूरी हैं.
इस बीच देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (25 नवंबर) को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की साइट पर हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी थी जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा भी की, एचएएल की तरफ से निर्मित तेजस फाइटर जेट जिसे मुख्य रूप से भारतीय वायु सेना के मिग 21 लड़ाकू जेट के पुराने स्क्वाड्रन को बदलने के लिए विकसित किया गया है.
भारतीय वायुसेना और रक्षा मंत्रालय ने इसके सभी वेरिएंट सहित कुल 324 तेजस विमान खरीदने को लेकर एचएएल के साथ करार किया था. इस लड़ाकू विमान की कई खासियतें भी हैं जोकि इसकी महत्ता को और बढ़ा देती हैं.