Breaking News

सचिन पायलट को सीएम ना बनाने से गुर्जर समाज नाराज बढ़ती मुश्किल कांग्रेस की

*2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। गुर्जर समाज ने कांग्रेस की चिंताएं बढ़ा दी हैं।* जयपुर से रामदयाल मीणा की रपट महादण्ड के लिए। सचिन पायलट को सीएम ना बनाने से गुर्जर समाज नाराज बताया जा रहा है। गुर्जरों को मनाने के लिए कांग्रेस नेता जुटे हुए हैं। कई इलाकों में कांग्रेस नेताओं को विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।
सचिन पायलट को मुख्यमंत्री ना बनाने से नाराज राजस्थान के गुर्जर,
राजस्थान विधानसभा चुनाव में गुर्जर समाज की नाराजगी ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। प्रदेश में करीब 50 विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखने वाले कुल आबादी के नौ फीसदी गुर्जरों को मनाने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता जुटे हुए हैं, लेकिन गुर्जर समाज का कहना है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में हमने कांग्रेस को यह सोचकर वोट दिया था कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, उस समय पायलट कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे।
कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी सहित पूरा राष्ट्रीय नेतृत्व पायलट के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कहता था, लेकिन बाद में अशोक गहलोत को सीएम बनाकर गुर्जर समाज के साथ ‘विश्वासघात’ किया गया। पायलट को सीएम नहीं बनाने से गुर्जर समाज इस हद तक नाराज है कि अब खुलकर भाजपा का समर्थन कर रहा है।
पायलट खेमे की बगावत के समय गहलोत खेमे में शामिल रहने वाले मंत्रियों व विधायकों का गुर्जर बहुल विधानसभा क्षेत्रों में खुलकर विरोध हो रहा है। गुर्जर समाज की नाराजगी को देखकर पार्टी आलाकमान ने हस्तक्षेप किया है। राहुल और प्रियंका गांधी के निर्देश पर प्रचार सामग्री में पायलट के फोटो का दो दिन से उपयोग किया जाने लगा है। गुर्जर बहुल क्षेत्रों में पायलट के दौरे तय किए गए हैं। हालांकि, गुर्जर समाज का कहना है कि अब क्या गारंटी है कि सत्ता में आने पर कांग्रेस पायलट को ही सीएम बनाएगी।\
गहलोत समर्थकों का विरोध
गहलोत मंत्रिमंडल में एकमात्र गुर्जर मंत्री अशोक चांदना का उनका समाज ही विरोध कर रहा है। चांदना को हिंडौली विधानसभा क्षेत्र के गुर्जरों को मनाने में काफी मुश्किल हो रही है। गहलोत खेमे की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर शामिल होने वाले नदबई के विधायक जोगिंदर सिंह अवाना के खिलाफ तो गुर्जर समाज ने महापंचायत कर उन्हे वापस नोएडा भेजने का फैसला किया है। अवाना खुद गुर्जर समाज से हैं।
दरअसल, मूल रूप से नोएडा निवासी अवाना ने पिछला चुनाव बसपा के टिकट पर जीता और फिर कांग्रेस में शामिल होकर गहलोत के विश्वस्त बन गए। पायलट के खिलाफ बयानबाजी करने वाले गहलोत खेमे की मंत्री ममता भूपेश, विधायक दानिश अबरार, रोहित बोहरा, प्रशांत बैरवा को गुर्जर बहुल गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।‌‍
सचिन पायलट की मांग बढ़ी
दौसा, कोटा, भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली, बूंदी, झुंझुनूं, अजमेर, भीलवाड़ा और राजसमंद जैसे गुर्जर बहुल जिलों में कांग्रेस प्रत्याशी अब अपने चुनाव प्रचार के लिए पायलट को बुलाने की मांग पार्टी नेतृत्व तक पहुंचा रहे हैं। जयपुर जिले के सुंदरपुरा गांव निवासी उमराव गुर्जर ने कहा कि 2018 में हमने कांग्रेस को समर्थन दिया, क्योंकि समाज को उम्मीद थी कि पायलट सीएम बनेंगे, लेकिन हमारे साथ विश्वासघात हुआ।
दौसा जिले में पापड़दा गांव निवासी रतन गुर्जर ने कहा कि अब कांग्रेस पर कैसे विश्वास करें। इससे ठीक तो भाजपा ही है। बूंदी के गजराज चांदना ने कहा कि भाजपा में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गुर्जरों की समधन है। कांग्रेस ने पायलट को सीएम नहीं बनाने से समाज नाराज है। इस नाराजगी का लाभ लेने के लिए भाजपा ने सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया को गुर्जरों को साधने का जिम्मा सौंपा है।

About Mahadand News

Check Also

Journalist*असेम्बली ऑफ़ एमपी जर्नलिस्ट्स के प्रांतीय अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल को लिखा पत्र मांग की पत्रकारों को वेतन, नियुक्ति पत्र मिले

Journalist*असेम्बली ऑफ़ एमपी जर्नलिस्ट्स के प्रांतीय अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल को …