Supremecort न्यायाधीशों का चयन करने वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश खन्ना के साथ अन्य चार
*दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा की टिप्पणी के साथ*
*समय और परिस्थितियां बदलाव लाती है और यही देखने को मिल रहा है सुप्रीमकोर्ट के सी जे आई बदलने के बाद । बदलाव आवश्यक है परंतु देश के हर नागरिक को सुलभ और समय पर न्याय मिले यह भी सुनिश्चित होना चाहिए।कई मामले कई बर्ष से पेंडिंग हैं उसमें कई राजनेताओं के भ्रष्टाचार से संबंधित है*। *बीमारी के प्रमाण पत्र पर जमानत पर रिहा है और चुनाव प्रचार घूमने फिरने में ये बीमार नहीं रहते हैं*।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में हुआ बदलाव, अब सी जे आई संजीव खन्ना समेत ये जज हैं सदस्य
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का चयन करने वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश खन्ना के अलावा न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए एस ओका शामिल हैं।
बदल गया सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, अब सी जे आई संजीव खन्ना समेत ये जज हैं सदस्य
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना अब पांच सदस्यीय उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम के अध्यक्ष हैं और न्यायमूर्ति ए एस ओका इसके नए सदस्य हैं। पांच और तीन सदस्यीय कॉलेजियम का पुनर्गठन 10 नवंबर को न्यायूमर्ति डी वाई चंद्रचूड़ के प्रधान न्यायाधीश पद से रिटायर होने के बाद किया गया है। सोमवार को ही जस्टिन खन्ना ने सी जे आई का पदभार संभाला है।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों का चयन करने वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश खन्ना के अलावा न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए एस ओका शामिल हैं। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का चयन करने वाले तीन सदस्यीय कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत सदस्य होंगे।
51वें सीजेआई
पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने 17 अक्टूबर को जस्टिस खन्ना को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था और सोमवार को उन्होंने सी जे आई के रूप में शपथ ली। उन्होंने ईवीएम की शुचिता को बरकरार रखने, अनुच्छेद 370 को हटाने, चुनावी बॉण्ड योजना को खत्म करने और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने समेत कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं।
दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले न्यायमूर्ति खन्ना, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति देव राज खन्ना के पुत्र और उच्चतम न्यायालय के दिवंगत पूर्व न्यायाधीश एच.आर. खन्ना के भतीजे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय में पदोन्नत होने से पहले तीसरी पीढ़ी के वकील रहे 64 वर्षीय न्यायमूर्ति खन्ना का लक्ष्य लंबित मामलों को कम करना और न्याय प्रदान करने में तेजी लाना है।