*P M प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी पत्र पर कार्यवाही नहीं। पूर्व मुख्य सचिव की अधिनस्थ अधिकारी वर्ग पर पकड़ नहीं थी*
भोपाल, आंखें तरश गई देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कार्यालय से आए पत्र के जबाब के लिए जो कि प्रदेश के मुख्य सचिव को संबोधित किया गया था।
सरकार है सरक सरक कर चलती है।
*एक कहावत है अफसर करे न चाकरी*
*पंछी करे न काम*
*कह गए दास मलूका* *सबके दाता राम*
एक तजुर्बा है सरकार किसी भी राजनीतिक दल की हो परंतु शासकीय कर्मचारी तो बही है उनकी मानसिकता नहीं बदली है।
जिस तरह संविधान में स्थान न पाने वाले कथित चौथा स्तंभ मतलब सरस्वती के पुत्र, देवर्षि नारद के शिष्य और कलम के धनी मतलब पत्रकार नेता, अधिकारी को फर्ष से अर्श तक और अर्श से फर्श तक पहुंचाने की ताकत रखता है।
जिस दिन पत्रकार संबिधान के तीनों स्तंभ की बात आम जनता तक पहुंचने का काम बंद कर देगा उस दिन इन तीनों स्तंभ को जनता भूल जायेगी सिर्फ जिन्हें इनसे काम है बही याद करेगा।
10 अप्रैल का पत्र जो कि मुख्य सचिव मतलब सुश्री वीरा राणा के पास आया होगा मतलब कार्यालय में पत्र पर कार्यवाही नहीं हुई है तो फिर लगता है कि मुख्य सचिव की पकड़ निचले अधिकारियों पर नहीं थी।
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