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M S P पर खरीदा गया 3800 क्विंटल गेहूं गायब, हड़कंप मचने पर सरकार ने एक अफसर निलंबित किया

M S P पर खरीदा गया 3800 क्विंटल गेहूं गायब, हड़कंप मचने पर सरकार ने एक अफसर निलंबित किया

सतना जिले में किसानों से MSP पर खरीदा गया गेहूं, ट्रकों में लादकर गोदाम तक पहुंचने से पहले ही चोरी हो गया. हैरत की बात तो ये है कि 13 ट्रक गेहूं गायब हो गया और दो सप्ताह तक सरकारी अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी. अब सतना से भोपाल तक सरकार में हड़कंप मचने पर एक अफसर को निलंबित किया गया हैं
मध्यप्रदेश के सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार की गहरी हो चुकी जड़ों को उजागर करने वाला सनसनीखेज मामला सामने आया है. सतना जिले के इस मामले में किसानों से एमएसपी पर खरीदे गए गेहूं की बड़ी मात्रा को चोरों ने हाथ साफ कर दिया. वारदात के लगभग 2 सप्ताह बीतने के बाद भी सरकार के हाथ न तो चोर लगे और ना ही चोरी हुई गेहूं की खेप ही बरामद हुई. यह मामला 8 मई को सरकार के संज्ञान में आया जब सरकारी खरीद से उपार्जित गेहूं को गोदाम भेजा जा रहा था. इसमें से 3800 क्विंटल गेहूं की खेप चोरी हो गई. इस गेहूं को खरीद केंद्र से 13 ट्रकों में लादकर गोदाम भेजा गया था. लगभग 2 सप्ताह बीतने के बाद भी गेहूं के ट्रक गोदाम नहीं पहुंचे. यह मामला उजागर होने के बाद सतना से लेकर राजधानी भोपाल तक, सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया. जब मामले ने ज्यादा तूल पकड़ा, तब सरकार हरकत में आई और आनन फानन में खरीद केंद्र के एक अफसर को निलंबित कर दिया.
चोरों के लगातार चौकन्ना होने और सरकारी तंत्र के बिल्कुल बेपरवाह होने की बानगी पेश करता है. राज्य में गेहूं की खरीद करने वाले MP State Civil Supplies Corporation Ltd. की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार गेहूं की पहली खेप 8 मई को गायब हुई थी.
सतना जिले के कारीगोही उपार्जन केंद्र से 8 ट्रक में लादकर 2360 कुंतल गेहूं गोदाम भेजा गया था. गेहूं से लदे ये ट्रक कहां गए, किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. इसके बाद 13 मई को इसी केंद्र से 5 ट्रकों में 1500 कुंतल गेहूं लादकर फिर से गोदाम रवाना कर दिया गया.
इसके बाद ये सभी 13 ट्रक गोदाम तक नहीं पहुंचे, लेकिन हैरान करने वाली यह बात भी सामने आई है कि गोदाम तक पहुंचने से ठीक पहले इन ट्रकों को Surveyor Pass भी मिल गया और कॉर्पोरेशन के प्रदाय केंद्र से स्वीकृति पत्र भी मिल गया. इससे विभागीय कर्मचारियों की भी इस मामले में मिलीभगत होने की आशंका पुष्ट होने के बाद विभाग ने सख्त कार्रवाई की है. जांच में पता चला है कि जिस सर्वेयर ने इन ट्रकों को पास दिया था, जिला प्रबंधन पर पंजीकरण कराया था.

जिला प्रबंधक पर गिरी गाज
एमपी राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लि. के प्रबंध संचालक प्रताप नारायण यादव ने इस मामले की प्राथमिक जांच में निगम के सतना के जिला प्रबंधक अमित गौड़ को लापरवाही का दोषी माना. इस आधार पर निगम ने गौड़ को निलंबित करते हुए उन्हें निगम के जबलपुर स्थित राज्य मुख्यालय से अटैच कर दिया है. निगम ने इस मामले में पहले ही एफआईआर दर्ज कर इस वारदात की जांच शुरू कर दी है.
अभी तक की जांच में पता चला है कि यह घोटाला नियमों को ताक पर रखकर शुरू किए गए गेहूं उपार्जन केंद्र द्वारा सरकारी महकमों की मिलीभगत से किया गया. दरअसल गेहूं की सरकारी खरीद के बाद इसे वेयर हाउस के गोदाम में भेजा जाता है. मगर, सरकारी बाबुओं की मिलीभगत से उक्त गेहूं को वेयर हाउस पहुंचने से पहले ही उसे रेलवे रैक की ओर डायवर्ट कर दिया जाता है. बाद में रेलवे रैक में इस गेहूं का एक भी दाना Unload किए बिना ही, इसे महज कागजों पर Unload दिखा दिया जाता है. स्पष्ट है कि इस तरह का एक मामला पकड़ में आने पर कार्रवाई हुई है. ऐसे तमाम मामले पकड़ में नहीं आते हैं और किसानों की मेहनत से उपजाया गया गेहूं भारी मात्रा में चाेरी का शि‍कार हो जाता है.
रज‍िस्ट्रेशन करवाने वाले आधे से अध‍िक क‍िसानों ने सरकार को नहीं बेचा गेहूं, क‍िसी भी राज्य का पूरा नहीं हुआ लक्ष्य

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