*चुनावी धर्म युद्ध का शंखनाद हो चुका है*दूसरी तरफ नियमो से बांधने वाली *आदर्श आचार संहिता* की भी शुरुवात हो चुकी है ….
अब हमारे पास समय कम है, और ये चुनाव निर्णायक होगा इसके बाद जो होगा वो एक तरफ़ा होगा …
या तो राष्ट्र विश्वगुरु के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ेगा या फिर सर्वनाश होगा, गुलामी की जंजीरों से जकड़ा जाएगा और वो होगा जिसकी कल्पना मात्र से हमारा खून सूख जाता है ….
इस चुनाव को चुनाव नहीं अपने भारत के भविष्य की लड़ाई समझकर हमे आगे बढ़ना होगा…
अपने आने वाले कल को अँधेरे में धकेलना है या विश्वपटल पर एक सूर्य बनकर चमकना है ये अब हमारे ऊपर है …
बुद्धि और विवेक से सोचिये समझिये और विचारिय ऐसा क्या करना है जिससे जीत सत्य की हो , राष्ट्रवाद की हो और षड्यंत्रकारी, राष्ट्रविरोधी जो एक हुए हैं वो नष्ट हो जाएँ और भारत अपना स्वर्णिम भविष्य लिखे….
*मेरा सभी जागरूक सनातनी भाइयों से निवेदन हैं ….* उठिये और आलस्य को त्यागिये जितना भी समय आपके पास हो उसे राष्ट्र निर्माण के लिए निकालिये, जातिवाद, क्षेत्रवाद सबको किनारे रखकर हिंदुत्व को अपना लक्ष्य बनाइये और आगे बढिये ….
*विरोधी एकजुट हैं तो क्या हम इस महापर्व के लिए एकजुट होकर आगे नहीं बढ़ सकते….*
आचार संहिता को समझते हुए उसका पालन करते हुए अपने कार्य को कीजिये यहाँ संयम और विवेक की बहोत अधिक आवश्यकता है…
एक गलती हमें अन्धकार में धकेल सकती है, किसी भी विरोधी से लड़कर / उलझकर अपना समय व्यर्थ न करें बस जो हमें करना है उसे समझिये और उसे लेकर निरंतर आगे बढ़ते रहिये…
आने वाली 23 मई को 2019 को हमें क्या रिजल्ट चाहिए उसे लिए 11 अप्रैल से 19 मई 2019 तक क्या होना चाहिए वो हम समझते हैं लेकिन उसके लिए अब हमें कुछ अधिक प्रयत्न करना होगा …..
*आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए अपने काम को आगे बढ़ाना होगा ….*
अब धर्म रक्षा के लिए पूरी शक्ति से आगे बढ़ना है और बहोत कम समय में बहोत आधीक कार्य करना है, आचार सहिंता को ध्यान में रखते हुए हमें किसी भी प्रकार की राजनितिक अथवा धार्मिक बहस में नहीं उलझना…
हाँ राष्ट्रवादियों को समर्थन करने से हमें कोई रोक नहीं सकता सत्य का साथ देते हुए सत्य की विजय पताका को लहराना है तो हमें सतर्क रहकर सोच समझकर, बुद्धि विवेक से सोशल मीडिया पर बने रहना है. संविधान का सम्मान करते हुए हमें कार्य करना है….
आशा है आप सभी हिन्दू योद्धाओं राष्ट्रहित में सतत प्रयासरत होंगे और राष्ट्रवादियों को पूर्ण समर्थन कर विजयी बनाएंगे…..
एक लीडर की शक्ति उसके समर्थक होते हैं, उसके सहायक होते हैं यदि आज हम कमजोर पड़े तो हमारा मुखिया कमजोर पड़ जाएगा और यदि हमारा प्रधानसेवक कमजोर पड़ गया तो जो होगा उसकी कल्पना भी भयावह है…