Sanjay Singh: जमानत शर्त के साथ है मामला चलेगा, नहीं कर सकेंगे ऐसी बयानबाजी
दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट
संजय सिंह को कथित शराब घोटाले में जमानत मिल गई है। आवश्यक कागजी कार्रवाई करने के बाद बुधवार शाम तक उन्हें दो लाख रुपये के मुचलके पर छोड़ दिया । लेकिन जमानत पाने के बाद भी संजय सिंह के ‘हाथ-पांव बंधे’ होंगे। पहले यह बात सामने आई थी कि अदालत ने उन्हें एक राजनीतिक व्यक्ति मानते हुए राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की छूट दी थी, लेकिन अदालत का अंतिम आदेश सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि अदालत ने उन्हें केस के बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी करने से रोक दिया है। अदालत की तरफ से यह चेतावनी दी गई है कि संजय सिंह बाहर जाने के बाद भी शराब घोटाले में अपनी भूमिका पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
यह मामला ठीक उसी प्रकार का है जैसे एक अन्य मामले में आम आदमी पार्टी नेता सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दी गई थी, लेकिन अदालत ने उन्हें बाहर रहने के दौरान राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने और राजनीतिक बयानबाजी करने पर रोक लगा दी थी। इसका परिणाम हुआ था कि सत्येंद्र जैन जेल के बाहर होते हुए भी राजनीतिक तौर पर सक्रिय नहीं हो पाए और आम आदमी पार्टी को उसका कोई लाभ नहीं मिला।
अब तक माना जा रहा था कि संजय सिंह के जेल से बाहर आने के बाद आम आदमी पार्टी के राजनीतिक अभियानों में तेजी आएगी। अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के बाद वे पार्टी में नंबर तीन नेता की हैसियत रखते हैं। प्रखर वक्ता के रूप में संजय सिंह न केवल अपनी पार्टी का महत्वपूर्ण मौकों पर बचाव करते हैं, बल्कि भाजपा और केंद्र सरकार पर हमले करने में आगे भी रहते हैं। उनकी इसी क्षमता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें उत्तर प्रदेश और उसके पहले पंजाब में पार्टी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी थी।
जिस तरह अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए कुछ ‘राइडर’ (शर्तें) लगाए हैं, माना जा रहा है कि अदालत से बाहर आने के बाद भी संजय सिंह आम आदमी पार्टी के लिए उतने असरदार साबित नहीं हो सकेंगे। वे अन्य तैयारियों के संदर्भ में आम आदमी पार्टी का सहयोग अवश्य कर सकेंगे, लेकिन अदालती प्रतिबंधों के कारण सीधे तौर पर शराब घोटाले में कोई बड़ी बयानबाजी नहीं कर सकेंगे।
विशेषकर यह देखते हुए कि भाजपा शराब घोटाले के सहारे ही आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को घेरने में लगी हुई है, यदि आम आदमी पार्टी की ओर से इस मुद्दे पर पर्याप्त जवाब नहीं दिया गया तो इससे पार्टी को नुकसान हो सकता है। ऐसे में संजय सिंह जैसे नेता की इस मुद्दे पर कमजोर से पार्टी को नुकसान हो सकता है। फिलहाल, अदालती पेंच होने के कारण आम आदमी पार्टी के पास इसका कोई विकल्प भी नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने अमर उजाला से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक निचली अदालत ने आप सांसद संजय सिंह की जमानत शर्तें तय की हैं। इसके अनुसार, संजय सिंह दिल्ली एनसीआर छोड़कर बाहर जाते है तो जांच अधिकारी को सूचित करेगे। वे अपनी लोकेशन को जांच कर्ताओं से शेयर करेंगे। वे सबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे। संजय सिंह अपना पासपोर्ट जमा करेगे।
अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि अदालत ने कहा है कि जब भी ज़रूरत होगी, संजय सिंह जांच अधिकारियों को जांच में सहयोग करेंगे। सबसे महत्त्वपूर्ण टिप्पणी है कि वे इस केस को लेकर कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। यदि वे ऐसा करते हैं तो यह अदालत की अवमानना होगी और इसके खिलाफ उन पर कार्रवाई की जा सकेगी।
केजरीवाल-सिसोदिया के मामले में भी लाभ नहीं
संजय सिंह को जमानत मिलने के बाद माना जा रहा था कि इसी मामले में जेल में बंद चल रहे अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भी इसका लाभ मिल सकता है। लेकिन अदालत ने यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि संजय सिंह को जमानत कोई नजीर नहीं बनेगी। यानी इसी आधार पर अरविंद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया की रिहाई की मांग नहीं की जा सकेगी।
साथ ही, यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि संजय सिंह को जमानत मिलने के बाद भी इस केस की मेरिट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यानी संंजय सिंह पर मामला चलता रहेगा और इस मामले में प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर उसकी सुनवाई जारी रहेगी।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अमर उजाला से कहा कि संजय सिंह को जमानत दी गई है। इस पर आम आदमी पार्टी इस तरह से जश्न मना रही है कि जैसे उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया गया है। लेकिन अदालत ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी। यानी अदालत ने उन्हें बाइज्जत बरी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और वे मानते हैं कि शराब घोटाले में शामिल सभी आरोपियों को देर-सबेर सजा अवश्य मिलेगी।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता लगातार ये अनर्गल आरोप लगाते रहे हैं कि भाजपा के इशारे पर उनके नेताओं पर कार्रवाई की जा रही है। लेकिन अब संजय सिंह को जमानत मिलने के बाद वे अदालत पर भरोसा जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि हमारे देश में अदालतें स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। और उनकी कार्यप्रणाली और उनके निर्णयों पर आम आदमी पार्टी के नेताओं को अनर्गल-बेतुके आरोप नहीं लगाने चाहिए।