ED ने चिन्हित किए कई ऐसे भूखंड जिसपर हुआ बलपूर्वक कब्जा, भानुप्रताप के द्वारा बैक डेट में डीड बनाकर करता था जमीन की नेचर बदलने का धंधा
दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से वैंकटेश शारदा द्वारा संपादित रपट
Ranchi : ईडी की अब तक की जांच में यह जानकारी सामने आई है कि बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मचारी भानू प्रताप ने बड़गाईं अंचल में रहते हुए कई भूखंडों के ऑफलाइन दस्तावेज (सरकारी कागज) में छेड़छाड़ की है. इतना ही नहीं ईडी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए और भूमि का नेचर बदलने के लिए भानू प्रताप ने पुराने डीड (रजिस्ट्री के दस्तावेज) बनवाए. भानू प्रताप के मोबाइल फोन में उस भूखंड के रिकॉर्ड भी मिले हैं, जिसपर कब्जा करने का आरोप पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लगा है. वहीं ईडी का यह भी दावा है कि जमीन के ऑनलाइन और ऑफलाइन पेपर में हेरफेर कर भानू ने कई लोगों को लाभ पहुंचाया है. वहीं ऐसे कई भूखंड एजेंसी ने चिन्हित किए हैं, जिन्हें बलपूर्वक कब्जा किया गया है और कुछ खास लोगों के नाम पर उसके दस्तावेज तैयार किए गए हैं.
बड़गाईं अंचल के राजस्व कर्मचारी भानू प्रताप से ईडी अगले चार दिनों तक पूछताछ जारी रखेगी. कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है. चार दिनों की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद शुक्रवार को रांची PMLA (प्रीवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की विशेष कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया. शुक्रवार को उसकी पेशी के दौरान ईडी ने एक बार फिर भानू से पूछताछ के लिए रिमांड को 7 दिनों की विस्तार दिए जाने का आग्रह कोर्ट से किया. जिसका भानू के अधिवक्ता ने विरोध किया. ईडी के विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार उर्फ काका जी की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने ईडी को भानू प्रताप प्रसाद से चार दिनों तक पूछताछ करने की अनुमति दे दी है. ईडी की अब तक की जांच में यह पता चला है कि भानू प्रताप ने बरियातू में 8.5 एकड़ जमीन सहित अवैध रूप से संपत्ति हासिल करने में हेमंत सोरेन की सहायता की है. पूछताछ में कई और अहम खुलासे हो सकते हैं.