Deputy CM Post: राज्यों में खत्म हो जाएगा ? सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला , याचिका पर 12 फरवरी को होगी सुनवाई
*खतरे में है उपमुख्यमंत्री पद* दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट एवं टिप्पणी – यह सब राजनीतिक मामला है , कोई नाराज होकर पार्टी नहीं छोड़ दें या बगावत कर सरकार को हानी न हो इसलिए उप मुख्यमंत्री का पद रखा गया है। कहावत है नाम दरोगा रख दो ———
आईएएनएस, नई दिल्ली। विभिन्न राज्यों में उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि संविधान के तहत कोई प्रविधान नहीं होने के बावजूद विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की गई है। संविधान के अनुच्छेद 164 में केवल मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति का प्रविधान है।
*देश के 14 राज्यों में 26 उपमुख्यमंत्री*
बता दें कि इस समय देश के 14 राज्यों में 26 उपमुख्यमंत्री हैं। अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति का राज्य के नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है। न ही कथित उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति होने पर राज्य की जनता का कोई अतिरिक्त कल्याण होता है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
याचिका में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति से बड़े पैमाने पर जनता में भ्रम पैदा होता है। राजनीतिक दल काल्पनिक पद बनाकर गलत और अवैध उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री की तरह कोई भी स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते। हालांकि, उन्हें मुख्यमंत्री के बराबर ही दिखाया जाता है।
याचिका में कहा गया है कि यह बताने की जरूरत नहीं है कि उपमुख्यमंत्री केवल कैबिनेट मंत्री या किसी अन्य मंत्री की तरह ही कार्य करते हैं और इससे ज्यादा कुछ नहीं। इसमें केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह राज्य के राज्यपालों के माध्यम से ऐसी असंवैधानिक नियुक्तियों के खिलाफ कदम उठाए।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार याचिका पर सीजेआइ डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ 12 फरवरी को अस्थायी तौर पर सुनवाई करेगी।