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Ramlala Pran Pratishtha: सूरत से माता शबरी के वंशज अयोध्या पहुंचे. उन्होंने भगवान श्रीराम के लिए उन्ही पेड़ों के बेर को लेकर के आए हैं. माता शबरी ने रखे थे

Ramlala Pran Pratishtha: सूरत से माता शबरी के वंशज अयोध्या पहुंचे. उन्होंने भगवान श्रीराम के लिए उन्ही पेड़ों के बेर को लेकर के आए हैं. माता शबरी ने रखे थे
लखनऊ से प्रेमशंकर अवस्थी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट पूरे देश में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर खुशी और उत्साह का माहौल है. हर कोई प्रभु श्रीराम के काज में जुटा हुआ है. भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर हर राम भक्त अपने इच्छा भाव से भगवान राम को दान स्वरूप कुछ ना कुछ भेंट कर रहा है.
सूरत से माता शबरी के वंशज अयोध्या पहुंचे थे और भगवान श्रीराम के लिए उन्ही पेड़ों के बेर को लेकर के आए हैं जिन पेड़ों से माता शबरी ने भगवान श्रीराम के लिए बेर को तोड़कर के रखा था और प्रभु श्रीराम के आने का इंतजार कर रही थी,
माता शबरी के वंशज भी भगवान श्री राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने का इंतजार कर रहे हैं. गुजरात से अयोध्या पहुंचे राम भक्तो ने कहा कि हम प्रभु श्री राम के लिए बेर को लाए हैं जिन पेड़ों के बेरो को माता शबरी ने प्रभु श्री राम के लिए तोड़कर करके रखा था. बेर के साथ-साथ भगवान श्रीराम के तीर और धनुष को भी लेकर के आए हैं. माता शबरी के वंशज आज गुजरात के सूरत से भगवान श्रीराम लला के लिए उन्ही बेर को लेकर के आए हैं जिन बेरों को माता शबरी ने भगवान श्रीराम के लिए रखा था. यह उन्हीं पेड़ों के बेर हैं जिन पेड़ों से माता शबरी भगवान श्रीराम के लिए बेर को तोड़कर के रखी थी प्रभु श्रीराम को खिलाने के लिए. बेर लेकर पहुंचे श्रीराम के वंशज ने कहा कि हम सभी माता के वंशज हैं और उन्हीं के स्थान पर रहते हैं जहां माता शबरी रहती थी. और उन्हें पेड़ों के बेर को लेकर के आए हैं जिन पेड़ों से माता शबरी ने भगवान श्रीराम के लिए बेर को तोड़ा था और साथ में तीर और धनुष को भी लेकर के आए हैं.

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