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Chanakya Neeti नीति कहती हैं किसी को बराबरी में नहीं रखना चाहिए। सरकारी विज्ञापनों में सिर्फ मुख्यमंत्री का फोटो ही लगता है। मुख्यमंत्री के नाम एक संदेश     

Chanakya Neeti नीति कहती हैं किसी को बराबरी में नहीं रखना चाहिए। सरकारी विज्ञापनों में सिर्फ मुख्यमंत्री का फोटो ही लगता है। मुख्यमंत्री के नाम एक संदेश                                                                              भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट  अपने विचारों के साथ                                                 आज एक समाचार पत्र पढ़ रहा था, थोड़ा बुरा लगा, राजनीति है देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास बड़े बड़े सलाहकार हैं। उन सलाहकार जैसी सलाह मैं तो नहीं दे सकता परन्तु जो मेरे मन में है उसे व्यक्त कर सकता हूं। 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने अपना नारा दिया है 400 पार संभव है परन्तु एक अकेले मुख्यमंत्री मोहन यादव के भरोसे मध्यप्रदेश की 29 सीटों पर जीतना संभव नहीं है कारण प्रदेश की जनता और भाजपा के कार्यकर्ताओं को प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के अलावा कौन-कौन मंत्री है और कौन विधायक और वर्तमान में कौन सांसद हैं चेहरे की बात छोड़िए नाम से भी नहीं जानते हैं। आज से पहले भी यही स्थिति रही कि किसी भी स्थान पर किसी भी कार्यक्रम के समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की फोटो देखने में आती है। आज एक कार्यक्रम इंदौर में है जिसके विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के फोटो है। यदि इस कार्यक्रम में स्थानीय मंत्री और विधायक के फोटो लग जाते तो एक अच्छा संदेश जाता चलिए फोटो नहीं नाम ही चला जाता तो प्रदेश की जनता को यह ज्ञात होता कि इंदौर से भाजपा के कौन-कौन मंत्री या विधायक हैं खैर यह मुख्यमंत्री या उनको सलाह देने वाले की अपनी सोच है। आज के इसी समाचार पत्र में एक विज्ञापन और देखने को मिला जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो है कार्यक्रम केरल में है। विज्ञापन में उपस्थित रहने वालों के फोटो तो नहीं पर नाम दिए गए हैं। सबसे पहले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, फिर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन , सर्वानंद सोनेवाल, शांतनु ठाकुर,श्रीपद येसो नाइक,इन केंदीय मंत्रियों के नाम के साथ उनका पद और विभाग लिखा हुआ है। क्या मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं हो सकता है।हो सकता है यदि मुख्यमंत्री मोहन यादव ऐसा सोच लें कि उनके मंत्रीमंडल के साथी और भाजपा के विधायकों की पहचान बनानी है तो।

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