Rajasthan : पूर्व मंत्री महेश जोशी के ठिकानों पर ED का छापा, जल जीवन मिशन घोटाले में कार्रवाई
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जयपुर से नवल वियानी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा द्वारा संपादित रपट टिप्पणी – स्व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के वाक्य को कांग्रेस नेता और अधिकारियों द्वारा अक्षरसह पालन करने का निष्ठा से सपथ ली है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि केंद्र एक रुपए देती है पहुंचते हैं 15 पैसे मतलब 85 प्रतिशत भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाते हैं इसी के कारण नेता और अधिकारियों की सम्पत्ति में इजाफा हुआ है। सुप्रीमकोर्ट, निचली अदालतों और जांच एजेंसियों को इस तरह के मामलों में त्वरित कार्रवाई करना चाहिए।
जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को ‘जल जीवन मिशन’में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी और कुछ अन्य लोगों से जुड़े परिसरों की तलाशी ली। पिछले साल संघीय एजेंसी ने केंद्र सरकार के कार्यक्रम से जुड़े मामले में कम से कम दो दौर की छापेमारी की थी।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग के पूर्व मंत्री जोशी से जुड़े स्थानों की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी की जा रही है। राज्य में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में जोशी को जयपुर की हवा महल सीट से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस ने टिकट देने से इनकार कर दिया था।
एजेंसी ने पहले दावा किया था कि कई बिचौलियों और संपत्ति डीलरों ने ‘जल जीवन मिशन’ से अवैध रूप से अर्जित धन को निकालने के लिए राजस्थान सरकार के पीएचई विभाग के अधिकारियों ने किया कारनामा
जांच में पाया गया कि ठेकेदार इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड (आईआरसीओएन) द्वारा जारी कथित “फर्जी” कार्य समापन प्रमाणपत्रों के आधार पर और पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को “रिश्वत” देकर जल जीवन मिशन कार्यों से संबंधित निविदाएं हासिल करने में शामिल थे, ऐसा आरोप लगाया गया था।