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Nitin Gadakari नितिन गडकरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल का इम्पोर्ट रोकना भारत के लिए होगी नई आजादी, 2025 तक का लक्ष्य

Nitin Gadakari नितिन गडकरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल का इम्पोर्ट रोकना भारत के लिए होगी नई आजादी, 2025 तक का लक्ष्य
दिल्ली से वेदप्रकाश रस्तोगी के साथ भोपाल से वैंकटेश शारदा की रपट महादण्ड न्यूज नेटवर्क के लिए संपादित गडकरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल का इम्पोर्ट रोकना भारत के लिए नई आजादी जैसा होगा।
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत को नई आजादी का अनुभव होगा, जब देश अब पेट्रोल या डीजल का आयात नहीं करेगा। गडकरी ने बताया कि पेट्रोल और डीजल का आयात खत्म करना दुनिया भर में आतंकवाद से निपटने से जुड़ा है। आइए, पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।

आतंकवाद के मुंह पर तमाचा
साचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से उन्होंने कहा, ”जब तक यह आयात बंद नहीं होगा, दुनिया भर में आतंकवाद नहीं रुकेगा. मेरे जीवन का उद्देश्य पेट्रोल और डीजल का आयात बंद करना है।’ उन्होने कहा कि मैं इसे भारत के लिए एक नई आजादी मानता हूं जब देश में पेट्रोल और डीजल की एक बूंद भी आयात नहीं की जाएगी।
नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि भारत का पेट्रोल और डीजल का मौजूदा आयात बिल 16 लाख करोड़ रुपये है। गडकरी ने दावा किया कि जीवाश्म ईंधन के आयात में कटौती करके बचाए गए धन को गरीबों की मदद के लिए निर्देशित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “पेट्रोल और डीजल का आयात बिल अब 16 लाख करोड़ रुपये है। अगर हम इस आयात को कम कर देंगे तो जो पैसा हम बचाएंगे वह गरीबों के पास जाएगा। इसीलिए हमने जैव ईंधन जैसे वैकल्पिक ईंधन की शुरुआत की है। आयात में कमी और निर्यात में वृद्धि ही देशभक्ति और स्वदेशी के लिए आगे बढ़ने का रास्ता है।”
गडकरी ने उल्लेख किया कि जब उन्होंने 2014 में पदभार संभाला था, तो भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग का मूल्य 7 लाख करोड़ रुपये था। अब यह बढ़कर 12.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिससे 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऑटोमोटिव क्षेत्र राज्य सरकारों और केंद्र दोनों को सबसे अधिक जीएसटी योगदान देता है। उन्हें विश्वास है कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग अगले पांच वर्षों के भीतर विश्व स्तर पर शीर्ष स्थान पर होगा।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा आयात ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में हो रहा है। अगर हम विश्वगुरु बनना चाहते हैं और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना चाहते हैं, तो हमें निर्यात में नंबर एक बनना होगा। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि उनकी सरकार आत्मनिर्भर भारत (आत्मनिर्भर भारत) और सुशासन (सुशासन) जैसी अपनी पहलों के आधार पर अगले पांच वर्षों में नंबर एक होगी।

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