*jorrnlist,फिर आई रेत के अवैध उत्खनन की खबर ,रेत माफिया और अधिकारियों की सहभागिता सुनिश्चित है , पत्रकार बचकर रहना* ।
ग्वालियर से धीरज बंसल के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा की रपट। ग्वालियर। शहर में अलग-अलग स्थानों पर रेत माफिया द्वारा डंप किया गया रेत अब खुले में फड़ के रूप में चलाया जा रहा है। बोरियां भरकर यहीं से ठेकेदार रेत को बेच रहे हैं। चेतकपुरी, साइंस कॉलेज के समीप, शिवपुरी लिंक रोड, झांसी लिंक रोड सहित 59 जगह यह फड़ चलाए जा रहे हैं। इन फड़ों को लेकर खनिज विभाग के अधिकारी इन्हीं ठिकानों से गुजरते हैं लेकिन आंखों पर पट्टी बांधे रहते हैं।
डबरा, भितरवार, पिछौर के सिंघ नदी के घाट से 30 सितंबर तक दस्तावेजों में बंद रहे खनन से निकले रेत को जगह-जगह डंप करके रखे हुए थे। इन्हीं डंपिंग स्टेशनों से खुले बाजार में सब्जियों की तरह बेचने के लिए फ ड़ शुरू करा दिए हैं। खनिज विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी का कहना है कि चंबल का पुल बंद होने के बाद अकेले ग्वालियर ही नहीं अपितु कई जगह रेत के फड़ लगाना पड़े हैं। इन फड़ संचालकों ने न तो परमिट लिए हैं और न ही रसीद काटी गईं हैं। खास बात है कि जिस तरह से रेत का खनन होता है और कार्रवाई के दौरान कोई संचालक पकड़ में नहीं आता । ठीक उसी तरह रेत के इन फड़ों के आसपास कोई व्यक्ति खड़ा नहीं दिखता है। अगर खनिज विभाग से कोई व्यक्ति कार्रवाई के लिए रेत के ठिकानों पर कोई व्यक्ति खड़ा भी नहीं मिलेगा।
