*UP: प्रकाशन समूह के 20 ठिकानों पर आयकर का छापा, घर और कई प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई अब राडार पर म,प्र, के समाचार पत्र*
लखनऊ से प्रेमशंकर अवस्थी के साथ भोपाल से राधावल्लभ शारदा की रपट विशेष टिप्पणी – मध्यप्रदेश में समाचार पत्रों के मालिकों एवं संस्थानों पर आयकर विभाग की नजर शीघ्र पड़ने वाली है सूत्रों ने बताया है कि मध्यप्रदेश के समाचार पत्रों के मालिकों ने समाचार पत्रों के प्रकाशन के साथ कई अन्य व्यवसाय भी शुरू किए हैं जिसकी आड़ में अन्य व्यवसाय को को बचाया है । प्रकाशन समूह के दफ्तर, शोरूम के अलावा फ्लैट और बंगले पर भूमि, भवन के अलावा संपत्तियों की खरीद, बिक्री के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
दिल्ली सहित अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले शहर के बड़े प्रकाशन समूह के 20 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग ने सोमवार को छापा मारा। प्रयागराज के अलावा मुंबई और दिल्ली में भी इस प्रकाशन समूह के दफ्तर, शोरूम के अलावा फ्लैट और बंगले पर भूमि, भवन के अलावा संपत्तियों की खरीद, बिक्री के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। इस समूह के बैंक खातों से हुए लेनदेन की भी जानकारी जुटाई जा रही है। छापा की यह कार्रवाई तीन दिन से अधिक समय तक चलने के संकेत मिले हैं।
नामी प्रकाशन समूह राजीव प्रकाशन के मालिक पीयूष रंजन अग्रवाल के मुंबई, दिल्ली और प्रयागराज समेत कई ठिकानों और उनसे जुड़ी सहयोगी कंपनियों के कार्यालयों पर सोमवार की सुबह नौ बजे से ही आयकर छापा की कार्रवाई शुरू हो गई। अफसरों के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें रवाना की गईं। इस प्रकाशन समूह की सहयोगी भवन निर्माता कंपनी के अलावा फ्रेंचाइजी वाले ज्वेलरी प्रतिष्ठानों पर भी छापे मारे गए।
आयकर अधिकारियों के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें धमक पड़ीं। ग्रीन वर्ल्ड के पुराने शहर में स्थित होटल नवीन कांटीनेंटल पर भी छापा मारा गया है। आयकर के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस प्रकाशन समूह के मालिक के घरों के अलावा दफ्तरों और शोरूमों पर भी छापा डाला गया है। इनके संपत्तियों के दस्तावेजों के अलावा निवेश संबंधी रिकॉर्ड की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
साथ ही शोरूमों और अन्य प्रतिष्ठानों के बिलों के भुगतान के साथ ही गोदामों में भंडारण का हिसाब मिलाया जा रहा है। इसके अलावा बैंक खातों की भी जानकारी ली जा रही है। हाल के दिनों में इस समूह की ओर से खरीदी, बेची गईं संपत्तियों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। आयकर विभाग के अफसरों के मुताबिक प्रकाशन समूह और उसके सहयोगी प्रतिष्ठानों के रिकॉर्ड कब्जे में लेकर गहन पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा अन्य दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। यह कार्रवाई तीन दिन तक चल सकती है।
