*हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, बांके बिहारी मंदिर गलियारे के लिए स्वीकृति साथ ही योगी सरकार से साफ शब्दों में लगाई शर्त*
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ठाकुर बांके बिहारी मंदिर गलियारा की सरकारी योजना को हरी झंडी दे दी है और कहा है कि राज्य सरकार कानूनी प्रक्रिया के तहत दर्शन प्रभावित किए बगैर अपने धन से लोक व्यवस्था जनस्वास्थ्य सुरक्षा व जनसुविधा प्रदान करने का अपना वैधानिक दायित्व पूरा करे। कोर्ट ने साफ कहा कि मंदिर के बैंक खाते में जमा रुपयों को न छुआ जाए।
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, योगी सरकार से साफ शब्दों में कही ये बात
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर गलियारा की सरकारी योजना को हाई कोर्ट की हरी झंडी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा वृंदावन ठाकुर बांके बिहारी मंदिर गलियारा की सरकारी योजना को हरी झंडी दे दी है और कहा है कि राज्य सरकार कानूनी प्रक्रिया के तहत दर्शन प्रभावित किए बगैर अपने धन से लोक व्यवस्था, जनस्वास्थ्य, सुरक्षा व जनसुविधा प्रदान करने का अपना वैधानिक दायित्व पूरा करे। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अनंत कुमार शर्मा व अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने साफ कहा कि मंदिर के बैंक खाते में जमा 262.50 करोड़ रुपये को न छुआ जाए। साथ ही मंदिर प्रबंधन में हस्तक्षेप न हो।
कोर्ट ने मंदिर प्रबंधन को भी कहा है कि किसी भी श्रद्धालु को दर्शन करने को प्रतिबंधित न करें। जिला प्रशासन आदेश का पालन सुनिश्चित कर अगली सुनवाई की तिथि 31जनवरी 2024 को अपनी रिपोर्ट पेश करे। कोर्ट ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 25व 26 में मिला धार्मिक अधिकार पूर्ण नहीं है। ये मौलिक अधिकार कुछ हद तक लोक व्यवस्था के अधीन है। उचित अवरोध लगाया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा लोकहित का कार्य पंथनिरपेक्षता का क्रियाकलाप है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार तकनीकी विशेषज्ञ की सहायता से गलियों का अतिक्रमण हटाकर कारिडोर योजना अमल में लाए और देखे कि दोबारा अतिक्रमण न हो, तुरंत कार्रवाई की जाए।

इलाहाबाद हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला; काला कोट सिर्फ कचहरी में