वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. छठी बार ऑस्ट्रेलियाई टीम विश्व विजेता बनी. भारत की हार ने फैन्स को हैरान कर दिया, फाइनल से पहले सभी ने भारत को विश्व विजेता मान लिया था लेकिन ऑस्ट्रेलियाई फील्डरों और गेंदबाजों ने कमाल का परफॉर्मेंस किया. इसके अलावा बल्लेबाजी में ट्रेविस हेड और लाबुशेन ने पिच पर जमकर बल्लेबाजी की और ऑस्ट्रेलिया को खिताब दिलाने का काम किया. ट्रेविस हेड को उनकी शानदार शतकीय पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया. बता दें कि भारत की हार ने फैन्स ही नहीं बल्कि पूर्व दिग्गजों को भी हैरान कर दिया है. पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज गेंदबाज वसीम अकरम ने फाइनल में भारत को मिली हार के बाद टॉस को लेकर अपनी राय दी औऱ माना है कि भारत के लिए टॉस हारना उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा. वसीम ने ये भी कहा कि, फाइनल जैसे मैचों में टॉस का अहम हो जाना बड़े मैचों के लिए अच्छा नहीं है.
एस्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए वसीम ने कहा, “दोनों टीमों ने मेहनत करके फाइनल तक का सफर तय किया था. ऐसे में दोनों टीमों को बराबरी का मौका मैच में मिलना चाहिए. टॉस पर गेम का फैसला नहीं होना चाहिए. मुझे पता है कि डे नाइट मैच होने से स्टेडियम में ज्यादा फैन्स आएंगे. टीवी टेवीकास्ट को ज्यादा फायदा होगा. लोग टीवी पर ज्यादा से ज्यादा लोग मैच देखेंगे.व्यूअरशिप मिलेगी. लेकिन इतना खेलने के बाद टॉस ही मैच में अहम हो जाए तो फिर दोनों टीमों के लिए यह नुकसान है. इतना मेहनत करने के बाद आप फाइनल तक पहुंचे हो..आपको बराबरी का मौका मिलना चाहिए.”
इसके अलावा वसीम ने ये भी कहा कि, “यदि ओस का मसला है तो आपको डे मैच कराने चाहिए, स्टेडियम को कवर करने के बारे में सोचना चाहिए..कुछ तो करना होगा, यदि आप दोनों टीमों को बराबरी का मौका देना चाहते हैं तो… वहीं, अकरम ने कहा कि, सेमीफाइनल से अच्छा है कि आप प्लेऑफ को कराने के बारे में सोचे. क्योंकि यदि एक बुरा दिन होता है तो बेस्ट टीम टूर्नामेंट से बाहर हो जाती है. मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि प्लेऑफ को कराना चाहिए.”
इसके साथ-साथ वसीम ने कहा कि, “देखिए हमारे यहां टॉस ज्यादा अहम नहीं होता है लेकिन रात में ओस का मसला जरूर रहता है. इसलिए मैं कह रहा था कि बड़े मैच जब हो तो डे मैच होने चाहिए. आप देखिए फाइनल में बाद में करने वाली टीम के लिए बैटिंग आसान हो गई. रात में विकेट अच्छा हो गया. इसलिए मैं कहा रहा था कि दोनों टीमों को बराबरा का मौका मिलना चाहिए.”
बता दें कि फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी की थी और 240 रन बनाए थे जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टी मने 4 विकेट खोकर लक्ष्य को हासिल कर लिया. ऑस्ट्रेलिया की ओर से ट्रेविस हेड ने शानदार 137 रन की पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया को छठी बार विश्व विजेता बना दिया. भारत की ओर से रोहित ने 47, विराट ने 54 और केएल राहुल ने 66 रनों की पारी खेली, लेकिन टीम के स्कोर को 300 तक नहीं पहुंचा पाए. फाइनल में भारत स्पिनर्स भी असफल रहे. कुलदीप और जडेजा विकेट नहीं ले पाए तो वहीं दूसरी ओर बुमराह को 2 विकेट, शमी और सिराज एक-एक विकेट ही ले पाए
