सु्प्रीम कोर्ट ने मंगलवार (27 फरवरी) को प्राइवेट अस्पतालों के जरिए वसूले जाने वाले मनमानी पैसे को लेकर नाराजगी व्यक्त की. अदालत ने 14 साल पुराने कानून ‘क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट (सेंट्रल गवर्नमेंट)’ नियमों को लागू करने में केंद्र की असमर्थता को लेकर कड़ी आपत्ति जताई. कहा जल्दी निर्णय लो नही तो सरकारी रेट अनिवार्य कर देंगे बता दे नियमों के तहत राज्यों से सलाह के बाद महानगरों, शहरों और कस्बों में बीमारियों के इलाज और उपचार के लिए एक स्टैंडर्ड रेट का नोटिफिकेशन जारी करना अनिवार्य है.
