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*Help line,सी एम एवं सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन लाइन एक मजाक बन गया, अफसरों के पास समय नहीं , प्रधानमंत्री कार्यालय से आए पत्र कचरे की टोकरी में*

*Help line,सी एम एवं सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन लाइन एक मजाक बन गया, अफसरों के पास समय नहीं , प्रधानमंत्री कार्यालय से आए पत्र कचरे की टोकरी में* ,
प्रधानमंत्री कार्यालय को भी गुमराह करता है सीएम हेल्पलाइन, एक फोन आता है कि आपकी शिकायत का निराकरण कर दिया । हेल्पलाइन: शिकायतों के निराकरण में राजधानी समेत ये शहर पीछे, मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट , हेल्पलाइन को मजाक बना दिया गया है, मुझे लगता है कि उच्च अधिकारी इस तरफ ध्यान नहीं देते , इसी तरह सीनियर सिटीजन हेल्पलाइन लाइन बद से बद्तर हो गई है,इन दोनों सेवाओं पर निर्थक व्यय किया जा रहा है, सबसे खराब स्थिति पुलिस विभाग की है हबलदार के भरोसे सारा मामला रहता है।

मध्यप्रदेश भोपाल। मध्य प्रदेश में लोगों की शिकायतों का निवारण करने के लिए सीएम हेल्पलाइन बनाई गई है। मगर सीएम हेल्पलाइन हेल्पलेस लाइन साबित हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में एक भी जिले का स्कोर 50 प्रतिशत के पार नहीं है। प्रदेश में महज 21 प्रतिशत शिकायत निराकरण के बाद संतुष्टि के साथ बंद हुई।
सीएम हेल्पलाइन में आए समस्याओं का निवारण करने में प्रदेश के बड़े शहर भी पीछे हैं। प्रदेश की राजधानी भोपाल का इसमें पांचवा स्थान है। संतुष्टि के बाद शिकायत बंद का आंकड़ा महज 18.87 रहा। साथ ही कुल स्कोर भी सिर्फ 45.32 तक पहुंच सका। सीहोर सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के निराकरण में पहले स्थान पर रहा जिसका कुल स्कोर 49.87 है।

सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण की बात करें तो बुरहानपुर 48.74 के साथ दूसरे स्थान पर है। वहीं तीसरे स्थान पर सिवनी 47.38 के साथ और बड़वानी 46.74 के साथ चौथे पायदान पर है। बता दें कि सीएम हेल्पलाइन मध्य प्रदेश में शिकायतों को दर्ज करने का सबसे विश्वसनीय मंच है। मंत्रालय की ओर से इसे लेकर रिपोर्ट जारी हुई है।

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